महाकुंभ 2025 का आयोजन एक ऐसा धार्मिक पर्व है, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने एक ठोस योजना तैयार की है, जिससे एक भी श्रद्धालु के साथ अनहोनी न हो।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक तैयारी
महाकुंभ के दौरान अनुमानित 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम पहुंचने की संभावना है। विशेष तिथियों के अलावा भी, प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर गंगा और यमुना के पवित्र जल में स्नान करेंगे। ऐसे में, सुरक्षा व्यवस्था को और भी सख्त किया जा रहा है। एसडीआरएफ के कमांडेंट सतीश कुमार ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विभिन्न स्तरों पर कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसमें यह तय किया जाएगा कि किस स्थान पर कितनी बटालियन और जवान तैनात किए जाएंगे।
अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल
एसडीआरएफ के जवानों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। अंडर वाटर कैमरों और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा, ताकि किसी भी स्थिति पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, स्पीड बोट्स, रेस्क्यू बोट्स, स्कूटर बोट्स और एंबुलेंस बोट्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि स्नान घाटों पर लाइफ ब्वाय रेस्क्यू ट्यूब और थ्रो बैग जैसे उपकरण हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
तैराकी सुरक्षा का ध्यान
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया गया है कि जो भी नावों पर संगम में तैराकी करेंगे, उन्हें लाइफ सेविंग जैकेट पहनना अनिवार्य होगा। जल पर एक तैरता हुआ कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जिसमें क्विक रेस्क्यू टीमें 24 घंटे तैनात रहेंगी। किसी भी प्रकार के हादसे की स्थिति में, फ्लोटिंग स्टेशन्स पर आवश्यक संसाधन हमेशा उपलब्ध रहेंगे।
सुरक्षा में तकनीकी मदद
महाकुंभ की सुरक्षा में तकनीकी मदद का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। सोनार सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जिससे जल के नीचे की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। इसके अलावा, वाटर ड्रोन का उपयोग उन स्थानों पर भी किया जाएगा, जहां प्रशिक्षित गोताखोर नहीं पहुंच पाते। इस तकनीकी सहायता से, कोई भी अनहोनी होने पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में सहायता मिलेगी।
स्नान घाटों की संख्या में वृद्धि
महाकुंभ में स्नान घाटों की संख्या बढ़ाई जाएगी, और उनके विस्तार को भी ध्यान में रखा जाएगा। इसके लिए डीप वॉटर बैरीकेडिंग का कार्य भी किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुनिश्चित की जा सके। योगी सरकार ने इस दिशा में विशेष निर्देश जारी किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। ‘सुरक्षित महाकुंभ’ का संकल्प लेकर योगी सरकार हर संभव कदम उठा रही है ताकि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु न केवल सुरक्षित रूप से स्नान करें, बल्कि एक श्रेष्ठ अनुभव के साथ अपने घरों को लौटें।
सामाजिक जागरूकता
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ श्रद्धालुओं के बीच सामाजिक जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं को जल सुरक्षा, आपात स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा और अन्य सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विशेष कैम्प और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन को भी महाकुंभ की तैयारियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा गया है। स्थानीय निवासियों और दुकानदारों को भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल किया जाएगा। इससे न केवल सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों का सहयोग भी सुनिश्चित होगा।
महाकुंभ 2025 एक धार्मिक पर्व है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक है। योगी सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि हो। श्रद्धालुओं को सुरक्षित वातावरण में पवित्र स्नान का अवसर मिल सके, यही सरकार की प्राथमिकता है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश की सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक हो, बल्कि सभी के लिए सुरक्षित भी हो।