उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मार्चुला के पास हुए भीषण बस हादसे ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। गढ़वाल से रामनगर जा रही एक 42-सीटर बस, जिसमें 60 से अधिक यात्री सवार थे, अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। अब तक की जानकारी के अनुसार, इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।
हादसे के बाद घटनास्थल पर हड़कंप, राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। एसएसपी अल्मोड़ा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और राहत कार्य की निगरानी कर रहे हैं। घटना के बाद पांच एंबुलेंस भी मौके पर भेजी गई हैं, जो घायलों को जल्द से जल्द निकटतम अस्पताल पहुंचाने में जुटी हैं।
दुर्घटना का कारण और चश्मदीदों के बयान
स्थानीय लोगों के अनुसार, दुर्घटना तब हुई जब बस एक मोड़ पर नियंत्रण खो बैठी और सीधे खाई में जा गिरी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस की रफ्तार अधिक थी, जिससे ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया। स्थानीय लोगों ने भी तुरंत घटना स्थल पर पहुँचकर घायलों को बाहर निकालने में मदद की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने घटना के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायल यात्रियों को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट करने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया
घटनास्थल पर तैनात एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों ने अपने बचाव कार्यों को पूरी तत्परता से अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार, घायलों को खाई से निकालने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की और अधिक हानि से बचा जा सके। कुछ यात्रियों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अल्मोड़ा के बड़े अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
बस की ओवरलोडिंग पर उठे सवाल
दुर्घटना में एक और चिंताजनक पहलू यह भी है कि 42 सीटर बस में 60 से अधिक यात्री सवार थे। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ओवरलोडिंग इस हादसे की वजह बनी। प्रशासन ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और जल्द ही ओवरलोडिंग और ड्राइवर की लापरवाही की स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
राहत कार्य में स्थानीय लोगों का योगदान
घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय निवासियों ने राहत कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कई लोगों ने घायलों को बस से बाहर निकालने और उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने में भी सहायता की। स्थानीय लोगों की त्वरित प्रतिक्रिया ने कुछ लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई।
घायलों की संख्या और स्वास्थ्य स्थिति
अब तक हादसे में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों यात्री घायल हैं, जिनमें से कई की स्थिति गंभीर है। घायलों को अल्मोड़ा और निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ घायलों की हालत बेहद नाजुक है और उन्हें उन्नत चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।
राज्य सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा संभव
इस दुखद घटना के बाद राज्य सरकार से राहत पैकेज की घोषणा की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी और घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, हादसे की पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद राज्य सरकार द्वारा मुआवजे की घोषणा की जा सकती है।
लोगों से अपील
इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सड़क पर वाहन चलाते समय सुरक्षा नियमों का पालन करें और ओवरलोडिंग जैसी खतरनाक प्रवृत्तियों से बचें। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता दोनों ही आवश्यक हैं।
अल्मोड़ा के मार्चुला में हुए इस हादसे ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और ओवरलोडिंग जैसे मुद्दों को उजागर किया है। राज्य सरकार, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के अनुसार, राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जा रहे हैं, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके।