पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवानों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मेडल से चूकने की कसक को अब भारतीय महिला पहलवानों ने अंडर-17 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में पूरी कर दी है। जॉर्डन के अम्मान में आयोजित इस चैंपियनशिप में भारतीय महिला पहलवानों ने कमाल का प्रदर्शन किया और चार गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया।
चार गोल्डन गर्ल्स ने दिखाया दमखम
22 अगस्त को हुए फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला पहलवान अदिति कुमारी, नेहा सांगवान, मानसी और पुलकित ने अलग-अलग कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। अदिति कुमारी ने भारत के लिए पहला गोल्ड ग्रीस की मारिया लूईजा को 7-0 से हराकर जीता। नेहा सांगवान, जोकि ओलंपियन विनेश फोगाट के गांव की हैं, ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में जापान की सो सुसुत्सी को 10-0 से मात देकर दूसरा गोल्ड जीता।
मानसी ने 73 किलोग्राम वेट कैटेगरी में और पुलकित ने 65 किलोग्राम वेट कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीते। इससे पहले साईनाथ पारधी और रोनक दहिया ने क्रमशः 51 किलोग्राम और 110 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। कुल मिलाकर भारतीय टीम के खाते में अब तक 6 मेडल आ चुके हैं।
विनेश फोगाट से प्रेरित नेहा सांगवान का कमाल
नेहा सांगवान ने अपने गांव बलाली के नाम को फिर से चमकाया है। विनेश फोगाट की तरह ही उन्होंने भी जापान की वर्ल्ड नंबर वन पहलवान को मात दी। नेहा ने विनेश के ओलंपिक प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा था कि वह उन्हें एक चैंपियन मानती हैं, और अब उन्होंने खुद को भी उस स्तर पर साबित कर दिया है।
अभी बाकी है दो और गोल्ड की उम्मीद
भारत के पास अब तक 4 गोल्ड मेडल आ चुके हैं, लेकिन अभी भी दो गोल्ड की उम्मीद बाकी है। 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी में काजल और 46 किलोग्राम वेट कैटेगरी में श्रुतिका पाटिल ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर फाइनल में प्रवेश किया है। ये दोनों पहलवान 23 अगस्त को होने वाले फाइनल में गोल्ड के लिए मुकाबला करेंगी।
भारत का जलवा वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में
भारतीय महिला पहलवानों ने जॉर्डन में आयोजित इस चैंपियनशिप में न सिर्फ देश का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरी दुनिया में यह संदेश भी दिया है कि भारतीय बेटियां किसी से कम नहीं हैं। चार गोल्ड मेडल जीतकर ये पहलवान देश की शान बनी हैं, और अभी दो और गोल्ड की उम्मीदों ने भारत को गर्व महसूस कराया है।
इस चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भारतीय खेलों के उज्जवल भविष्य की ओर भी संकेत करता है। आने वाले दिनों में ये बेटियां और भी बड़े मंचों पर देश का मान बढ़ाएंगी।