14 Aug 2024
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Indian Auto Industry Export Growth: 2025 की पहली छमाही में वाहनों के निर्यात में 14% की वृद्धि: ऑटो इंडस्ट्री में तेज़ी

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भारत से वाहनों के निर्यात को लेकर वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एक शानदार खबर सामने आई है। इस दौरान वाहनों का निर्यात 14% की बढ़ोतरी के साथ 2.52 मिलियन यूनिट्स तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से अधिक है। यह उछाल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और वैश्विक बाजार में भारतीय कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति का संकेत है।

यात्री और दोपहिया वाहनों का निर्यात बढ़ा

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में कुल 25,28,248 वाहनों का निर्यात किया गया, जिसमें यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा रही। इस दौरान यात्री वाहनों के निर्यात में 12% की वृद्धि हुई, जिससे यह आंकड़ा 376,679 यूनिट्स तक पहुंच गया। वहीं, दोपहिया वाहनों के निर्यात में 16% की उछाल देखी गई, जिसके तहत 19,59,145 यूनिट्स का निर्यात किया गया।

मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर के शानदार प्रदर्शन

भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया ने 147,063 यूनिट्स के साथ यात्री वाहनों के निर्यात में शीर्ष स्थान हासिल किया। दूसरी तरफ, हुंडई मोटर इंडिया ने 62,162 यूनिट्स के निर्यात के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही, मारुति सुजुकी ने अपने मानेसर प्लांट में 1 करोड़ संचयी उत्पादन का मील का पत्थर भी पार किया।

बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर का दबदबा

दोपहिया वाहनों के निर्यात में बजाज ऑटो ने 764,827 यूनिट्स का निर्यात करके अपना दबदबा कायम रखा। वहीं, टीवीएस मोटर कंपनी भी 644,379 यूनिट्स का निर्यात कर रही है, जिससे वह इस सेगमेंट में मजबूत खिलाड़ी बनी हुई है। दोनों कंपनियों का प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि भारतीय दोपहिया निर्माता वैश्विक स्तर पर लगातार अपनी जगह मजबूत कर रहे हैं।

तीन पहिया वाहनों के निर्यात में सुधार

तीन पहिया वाहनों के निर्यात में हालांकि 1% की कमी आई, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इसमें सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2024 में इस सेगमेंट में 18% की गिरावट देखी गई थी, जबकि इस बार यह गिरावट कम होकर 1% पर सीमित रह गई है, जो इस सेगमेंट में सुधार की संभावना को दर्शाता है।

ग्रामीण बाजारों में बढ़ती मांग और आगामी संभावनाएं

ग्रामीण क्षेत्रों में वाहनों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आगामी समय में निर्यात और बिक्री दोनों में उछाल की उम्मीद की जा रही है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 9.08%, तीन पहिया वाहनों में 7.58%, और यात्री वाहनों में 1.07% की वृद्धि दर्ज की गई।

हालांकि, कमर्शियल वाहनों (CV) और ट्रैक्टर की खुदरा बिक्री में क्रमश: 0.65% और 8.82% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन ग्रामीण बाजारों में बढ़ती मांग के कारण इस क्षेत्र में भी निकट भविष्य में सुधार की उम्मीद है।

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की तेज़ी के पीछे की वजहें

वाहनों के निर्यात में हो रही इस वृद्धि के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माताओं ने तकनीकी विकास, गुणवत्ता, और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम और विभिन्न देशों में भारतीय वाहनों की बढ़ती मांग भी इस वृद्धि के महत्वपूर्ण कारक हैं।

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के महत्वपूर्ण आंकड़े

  1. कुल निर्यात: 2.52 मिलियन यूनिट्स (14% की वृद्धि)
  2. यात्री वाहन निर्यात: 376,679 यूनिट्स (12% की वृद्धि)
  3. दोपहिया वाहन निर्यात: 19,59,145 यूनिट्स (16% की वृद्धि)
  4. तीन पहिया वाहन निर्यात: 1% की गिरावट, लेकिन सुधार के संकेत

भविष्य में और अधिक सुधार की उम्मीद

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में वाहनों के निर्यात और घरेलू बाजार दोनों में और वृद्धि हो सकती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग, नए वाहन मॉडलों का लॉन्च, और वैश्विक बाजार में भारतीय वाहनों की लोकप्रियता आने वाले समय में और अधिक उछाल ला सकती है।

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