बहराइच जिले में हाल ही में हुए भेड़ियों के हमले ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। सीएमओ संजय कुमार के अनुसार, भेड़िये शिकार को सबसे पहले गर्दन पर दांत गड़ाते हैं, जिससे श्वासनली को गंभीर नुकसान होता है और व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है। शिकार को पूरी तरह से पकड़ने के लिए भेड़िये अपने नाखून और दांतों की पोजीशन बदलते हैं और गर्दन को पूरी तरह जकड़ लेते हैं।
हादसे की जानकारी
अब तक बहराइच में भेड़ियों के हमले में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने मारे गए लोगों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। रिपोर्ट में सामने आया है कि शवों पर गहरे घाव थे। भेड़ियों के लगातार हमलों ने पूरे जिले में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
शवों पर मिले निशान
संजय कुमार ने बताया कि भेड़िये शिकार की गर्दन पर दांत गड़ाकर उसे तुरंत मौत की नींद सुला देते हैं। बाद में, भेड़िये अपने नाखून और दांतों की पोजीशन बदलते हुए शिकार को पकड़ते हैं और कई जगह पंजे गढ़ा देते हैं। मृत शरीर को खा लेने के बाद, भेड़िये कभी-कभी शोर सुनकर उसे छोड़कर भाग जाते हैं।
रीता देवी के मामले में, भेड़िये उसे पूरी तरह से नहीं खा पाए लेकिन उनके गर्दन पर दांतों और नाखूनों के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शवों पर भेड़िया के दांतों के निशान अलग-अलग थे; किसी पर 8 तो किसी पर 22 दांतों के निशान मिले। भेड़ियों के हमलों के दौरान शरीर के विभिन्न हिस्सों पर घाव थे और कुछ शवों के हाथ और पैर भी गायब थे।
भेड़ियों के हमले की गंभीरता
भेड़ियों ने 10 लोगों को इतनी बुरी तरह से घायल किया कि उनके हाथ और पैर खा लिए और उनकी गर्दन पर गहरे घाव किए। कुछ शवों का सीना और पेट भी भेड़ियों ने खा लिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर पर खरोंचों के निशान भेड़ियों के दांतों से काटने और घसीटने के कारण थे।
महिला रीता देवी के शरीर पर 21 चोटों के निशान थे, जो मुख्यतः गले और उसके आसपास थे। अन्य घायल लोगों में से अधिकांश मामलों में भेड़ियों ने गले पर ही हमला किया, जबकि एक मामले में गाल पर हमला किया गया। भेड़ियों ने सभी को घसीटने की कोशिश की।
भेड़ियों के हमले ने बहराइच जिले में बहुत अधिक नुकसान और दहशत पैदा की है। स्थानीय प्रशासन को भेड़ियों की बढ़ती आबादी और उनकी आदतों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही, जनसुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना भी आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।