आज शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही अपने ऑल टाइम हाई से नीचे आ गए। सेंसेक्स ने आज 1,729.77 अंकों की गिरावट के साथ 82,536.52 पर कारोबार समाप्त किया, जो कि 2% की गिरावट को दर्शाता है। वहीं, निफ्टी भी 546.80 अंक गिरकर 25,250.10 पर बंद हुआ। बाजार में इस बड़ी गिरावट के दो मुख्य कारण सामने आए हैं - इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और सेबी द्वारा किए गए नए नियम लागू होने के फैसले।
क्यों आई यह गिरावट?
शेयर बाजार में आई इस गिरावट के पीछे इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को मुख्य कारण माना जा रहा है। इजरायल और हिजबुल्ला के बीच जारी संघर्ष में ईरान की एंट्री ने वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों को और जटिल बना दिया है। 1 अक्टूबर की रात, ईरान ने इजरायल पर एक के बाद एक 150 से अधिक मिसाइलें दाग दीं। इसके जवाब में इजरायल ने भी हमला शुरू कर दिया। इस संघर्ष ने न सिर्फ भारतीय बाजार बल्कि वैश्विक बाजारों पर भी गहरा असर डाला।
भारतीय दिग्गज कंपनियों पर भी असर
इस गिरावट का असर भारतीय दिग्गज कंपनियों पर भी पड़ा है। अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 3.95% की गिरावट दर्ज की गई और शेयर 2,813.95 पर बंद हुआ। टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस के शेयर में 1.29% की गिरावट आई, जिससे शेयर 4,232 पर बंद हुआ। इसके अलावा, अडानी पोर्ट्स, जो चाबहार पोर्ट का प्रबंधन करती है, के शेयर में 2.82% की गिरावट देखी गई और यह 1,426 पर बंद हुआ।
सेबी के नए नियमों का असर
भारतीय शेयर बाजार के इस गिरावट में सेबी के नए नियमों का भी बड़ा हाथ है। सेबी ने 1 अक्टूबर को फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेड के लिए कई नए बदलाव किए। इन बदलावों के तहत, इंट्रा-डे पोजीशन लिमिट पर निगरानी बढ़ाई गई है और डेरिवेटिव्स मिनिमम ट्रेडिंग अमाउंट को 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा, एक्सपायरी के दिन शॉर्ट ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स पर 2% अतिरिक्त मार्जिन लिया जाएगा। यह सख्त नियम 20 नवंबर से लागू होंगे।
कौन से सेक्टर्स सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?
ऑटो सेक्टर और बैंकिंग सेक्टर में भी इस गिरावट का असर देखा गया। मारुति के शेयर में 4.26% की गिरावट आई और यह 12,605 रुपए पर बंद हुआ, जबकि एशियन पेंट्स का शेयर 4% की गिरावट के साथ 3,145 रुपए पर आ गया। बीएसई पर लार्सन एंड टुब्रो के शेयर में 4.15% की गिरावट आई और यह 3,500 रुपए पर बंद हुआ। इसी तरह, एक्सिस बैंक के शेयर में भी 3.75% की गिरावट दर्ज की गई और यह 1,179.60 रुपए पर बंद हुआ।
बाजार में भारी नुकसान
आज की गिरावट के कारण निवेशकों को लगभग 11 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शेयर बाजार की इस गिरावट ने कई छोटे और बड़े निवेशकों की पूंजी को प्रभावित किया है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक इजरायल और ईरान के बीच के तनाव में कमी नहीं आती और सेबी के नए नियमों का पूरा प्रभाव बाजार पर नहीं दिखता, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव
इजरायल और हिजबुल्ला के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष में ईरान की बढ़ती भूमिका ने इस पूरे मामले को और जटिल बना दिया है। 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि वह इसके गंभीर परिणाम भुगतेगा। इसके बाद से इजरायल ने भी पलटवार करना शुरू कर दिया है। इस संघर्ष ने वैश्विक बाजारों पर बड़ा प्रभाव डाला है, जिससे निवेशकों में घबराहट और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
भविष्य की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम नहीं होता, तो भारतीय और वैश्विक शेयर बाजारों में और गिरावट देखी जा सकती है। इसके अलावा, सेबी के नए नियम भी निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं, खासकर वे निवेशक जो F&O में ट्रेड करते हैं। आने वाले हफ्तों में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, इसलिए निवेशकों को सावधानीपूर्वक कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।
सेबी के नए नियमों की समीक्षा
सेबी के नए नियमों के तहत डेरिवेटिव्स फ्रेमवर्क को सख्त किया जा रहा है। अब डेरिवेटिव्स में ट्रेड करने के लिए मिनिमम अमाउंट 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दिया गया है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए यह क्षेत्र और मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, शॉर्ट पोजिशन पर एक्सपायरी के दिन 2% अतिरिक्त मार्जिन देना होगा, जिससे ट्रेडर्स की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इन नियमों का उद्देश्य बाजार में अनुशासन और पारदर्शिता बढ़ाना है, लेकिन शुरुआती दौर में यह निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें और किसी भी त्वरित निर्णय से बचें। बाजार में गिरावट के दौर में, पैनिक में आकर अपनी होल्डिंग्स को बेचने की बजाय, उन्हें होल्ड करना बेहतर हो सकता है। साथ ही, बाजार के रुझानों और वैश्विक घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है ताकि सही समय पर सही निर्णय लिया जा सके। शेयर बाजार में आज की गिरावट ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है, लेकिन यह बाजार की अस्थिरता का हिस्सा है। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और सेबी के नए नियमों ने बाजार को प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में बाजार में और गिरावट या स्थिरता देखने को मिल सकती है, इसलिए निवेशकों को सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह दी जा रही है।