14 Aug 2024
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India Export Target 2024: भारत का निर्यात लक्ष्य इस साल 800 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

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उद्योग जगत में एक बड़ी खबर सामने आई है कि इस वित्त वर्ष में भारत का माल और सेवा निर्यात 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। यह अनुमान अपैरल मेड-अप्स और होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि सरकार के प्रभावी कदमों और घरेलू विनिर्माण उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के चलते संभव हो रही है।

 

सरकार के प्रभावी कदम

शक्तिवेल ने कहा कि सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं, जिनमें कारोबार को आसान बनाने और अनुपालन बोझ को कम करने पर विशेष जोर दिया गया है। इससे घरेलू उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेहतर प्रतिस्पर्धा का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि इस वित्त वर्ष में हमारा कुल निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।"

 

12 नए औद्योगिक शहरों का ऐलान

देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा से घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इन नए औद्योगिक शहरों का विकास बिहार, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किया जाएगा। चार शहर पहले ही विकसित हो चुके हैं और बाकी में काम तेजी से चल रहा है। इन शहरों में आधुनिक बुनियादी ढांचा, सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे व्यापारियों और उद्यमियों को बेहतर माहौल मिलेगा।

 

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की सफलता

शक्तिवेल ने कहा कि सरकार की ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना’ विनिर्माण क्षेत्र में एक बड़ी सफलता की कहानी साबित हो रही है। इस योजना ने विनिर्माण क्षेत्र को बेहतर करने और नए निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके चलते भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिल रही है।

 

भू-राजनीतिक स्थिति में सुधार

शक्तिवेल ने यह भी बताया कि मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय निर्यातकों को विकासशील और विकसित देशों से अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, "चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात के बावजूद, भारतीय निर्यातकों को बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से भी सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।"

 

लाल सागर संकट से निपटने की तैयारी

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल नियमित रूप से शिपिंग और अन्य हितधारकों के साथ बैठकें कर रहे हैं, ताकि लाल सागर संकट के प्रभाव को कम किया जा सके। सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है, जिससे व्यापार पर इस संकट का न्यूनतम प्रभाव हो।

 

निर्यात में वृद्धि और व्यापार घाटा

पिछले साल भारत का कुल निर्यात 778 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के बीच निर्यात 1% बढ़कर 213.22 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। वहीं, आयात में भी 6.16% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 350.66 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। हालांकि, वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा 137.44 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

 

औद्योगिक टाउनशिप की योजनाएं

कैबिनेट ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 12 औद्योगिक टाउनशिप की योजना को मंजूरी दी है। इनमें से चार टाउनशिप का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि चार अन्य टाउनशिप पर काम जारी है। इन टाउनशिप में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी का ध्यान रखा जा रहा है। यह पहल घरेलू उद्योगों को मजबूती प्रदान करने और उन्हें वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।

 

घरेलू उत्पादों को बढ़ावा

सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर यह हुआ है कि घरेलू उत्पाद और सेवाएं अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से जगह बना रही हैं। निर्यातकों को लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इसी तरह से घरेलू उद्योगों को समर्थन देती रही तो आने वाले समय में निर्यात के आंकड़े में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 800 अरब डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। सरकारी नीतियों और उद्योग के प्रोत्साहन ने घरेलू विनिर्माण को मजबूती दी है। साथ ही, वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग से भी निर्यात में वृद्धि हो रही है। नए औद्योगिक शहरों और प्रोत्साहन योजनाओं के चलते भारतीय निर्यातकों को विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।

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