रामनगरी अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। अयोध्या ने एक बार फिर रिकॉर्ड बनाते हुए 25 लाख 12 हजार 585 दीयों के प्रज्वलन के साथ नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। यह आठवां दीपोत्सव था, जिसे योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों से भव्य और ऐतिहासिक बनाया गया। इस वर्ष का दीपोत्सव न केवल धार्मिक भावनाओं का प्रतीक बना, बल्कि भारतीय संस्कृति और भगवान राम की महिमा का एक अद्भुत प्रदर्शन भी हुआ।
सरयू के तट पर दीयों का अद्भुत नजारा
अयोध्या में सरयू नदी के 55 घाटों पर एक साथ 25 लाख से अधिक दीयों का प्रज्वलन हुआ। जैसे ही दीयों की गिनती पूरी हुई और नए रिकॉर्ड की घोषणा हुई, हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गई। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के कंसल्टेंट निश्चल बरोट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आधिकारिक प्रमाण पत्र सौंपा, जिससे पूरे उपस्थित जनसमुदाय में उल्लास और गर्व का वातावरण बन गया। साथ ही, इस वर्ष 1121 अर्चकों द्वारा एक साथ सरयू आरती करने का भी रिकॉर्ड बना।
दीपोत्सव का भव्य उद्घाटन
रामकथा पार्क में भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कई अन्य मंत्रियों के साथ राम की पैड़ी पर पहुंचे। वहां पर साधु-संतों और भक्तों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मां सरयू का अभिषेक और पूजन किया और सभी भक्तों के साथ मिलकर महाआरती का शुभारंभ किया। आरती के दौरान सरयू का तट रंगीन रोशनी से जगमगा उठा और भक्तिमय वातावरण में मंत्रोच्चार की गूंज सुनाई दी।
30 हजार स्वयंसेवकों का योगदान
इस दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए 30 हजार स्वयंसेवकों ने रात-दिन मेहनत की। राम की पैड़ी और विभिन्न घाटों पर दीयों को सजाने और उन्हें प्रज्वलित करने का कार्य स्वयंसेवकों ने पूरी लगन से किया। मोमबत्तियों से दीयों को एक-एक कर जलाया गया, जिससे सरयू के घाट अद्भुत प्रकाश से भर गए। दीपों की इस अनोखी रोशनी ने अयोध्या को जैसे स्वर्ग सा बना दिया।
लेजर शो और ड्रोन शो का अनोखा प्रदर्शन
दीयों के प्रज्वलन के साथ-साथ इस वर्ष का दीपोत्सव और भी खास रहा क्योंकि इसमें लेजर शो और ड्रोन शो का भी आयोजन किया गया। लेजर शो में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के चित्रों को दिखाया गया, जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए। ड्रोन शो में 500 से अधिक ड्रोन ने अयोध्या के आसमान में विभिन्न आकृतियों को प्रस्तुत किया, जो अद्वितीय और मनमोहक था।
आतिशबाजी का जोश और उमंग
गोंडा सरयू पुल पर आतिशबाजी का भी भव्य आयोजन किया गया। रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने रात को और भी रंगीन बना दिया। हर ओर से आतिशबाजी की गूंज और रोशनी ने उपस्थित दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे, और हर किसी के चेहरे पर उमंग और उत्साह झलक रहा था।
दीपोत्सव में हर वर्ष नए रिकॉर्ड
योगी सरकार ने 2017 में दीपोत्सव की शुरुआत की थी और तब से हर साल नए रिकॉर्ड बनते आ रहे हैं। पहले वर्ष 2017 में 1.71 लाख दीयों का प्रज्वलन हुआ था, जो 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, और 2020 में 6.06 लाख तक पहुंचा। इसके बाद 2021 में 9.41 लाख, 2022 में 15.76 लाख, और 2023 में 22.23 लाख दीयों के प्रज्वलन का रिकॉर्ड बना। इस वर्ष के दीपोत्सव में 25 लाख से अधिक दीयों का प्रज्वलन कर एक बार फिर इतिहास रच दिया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
दीपोत्सव के अवसर पर केवल दीयों का ही प्रदर्शन नहीं हुआ, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। रामकथा, भजन संध्या, लोकनृत्य और धार्मिक प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। कलाकारों ने भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। संगीत और नृत्य का यह आयोजन सभी के लिए अविस्मरणीय बन गया।
धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश
अयोध्या का दीपोत्सव न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी संदेश देता है। हर साल यह आयोजन एक साथ पूरे समाज को जोड़ने का काम करता है। दीपों की यह रौशनी हर किसी के मन में आशा, विश्वास और शांति का संचार करती है। इस वर्ष के आयोजन ने यह भी संदेश दिया कि हम सब भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर समाज में शांति और सद्भावना स्थापित कर सकते हैं।
भविष्य में और भव्य दीपोत्सव की तैयारी
अयोध्या का दीपोत्सव हर वर्ष एक नई उम्मीद और प्रेरणा लेकर आता है। आने वाले वर्षों में और भी भव्य आयोजन की उम्मीद है। इस दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या को वैश्विक पहचान दी है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक नया अनुभव प्रदान किया है। सरकार की कोशिश है कि आने वाले समय में अयोध्या का दीपोत्सव और भी बड़े स्तर पर मनाया जाए, जिससे पूरी दुनिया इस भव्य आयोजन का साक्षी बन सके।
दीपोत्सव में शामिल होकर लोगों का अनुभव
इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनना हर किसी के लिए गर्व की बात थी। दीपों की रोशनी में नहाई हुई अयोध्या के घाट और राम की पैड़ी ने सभी के मन को आलोकित कर दिया। लोग अपने कैमरों में इस अद्भुत दृश्य को कैद कर रहे थे, सेल्फी ले रहे थे और एक-दूसरे के साथ इन पलों को साझा कर रहे थे। हर कोई इस बात पर गर्व महसूस कर रहा था कि वह इस अनोखे दीपोत्सव का हिस्सा बन सका।
रामनगरी अयोध्या का दीपोत्सव भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपरा का एक जीता-जागता उदाहरण है। यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में एकता, शांति और सद्भाव का संदेश भी देता है। दीपोत्सव का यह पर्व अयोध्या को रोशनी से भर देता है और देश-दुनिया के लोगों के मन में भगवान राम के आदर्शों और उनकी मर्यादा का स्मरण कराता है।