Yudhra मूवी का परिचय
"Yudhra" एक ऐसी फिल्म है जिसमें एक्शन, रोमांस और अंडरवर्ल्ड की साजिश की कहानी को एक साथ बुना गया है। इस फिल्म में मुख्य किरदार युध्रा (सिद्धांत चतुर्वेदी) अपने माता-पिता की मौत का बदला लेने के लिए एक अंडरकवर एजेंट बनता है। इसमें रोमांस का तड़का भी है, लेकिन फिल्म की जटिल कहानी और कमजोर डायरेक्शन इसे पूरी तरह से रोमांचक नहीं बना पाता।
Movie name:Yudhra
Director:Udyawar Yudhra
Movie Casts:Siddhant Chaturvedi, Raghav Juyal, Malvika Mohan
फिल्म की कहानी
कहानी की शुरुआत मुंबई के पुलिस जिमखाना से होती है, जहां एक भयानक हादसे में युध्रा के माता-पिता का एक्सीडेंट हो जाता है। इस हादसे के बाद युध्रा को पुलिस अधिकारी कार्तिक राठौड़ (गजराज राव) पालते हैं, जो युध्रा के पिता के दोस्त हैं।
युध्रा के माता-पिता की मौत ने उसके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। उसे बचपन में लगी सिर की चोट के कारण एंगर इशू हो जाता है। उसे पुणे की नेशनल कैडेट ट्रेनिंग एकेडमी भेजा जाता है ताकि वह अनुशासन सीख सके। यहां उसकी मुलाकात बचपन की दोस्त निखत (मालविका मोहनन) से होती है।
हालांकि, एक झगड़े के कारण युध्रा को कोर्ट मार्शल कर दिया जाता है और उसे 9 महीने की सजा मिलती है। जेल में, युध्रा को पता चलता है कि उसके माता-पिता की मौत कोई हादसा नहीं थी, बल्कि अंडरवर्ल्ड की एक साजिश थी। इसके बाद उसे पुलिस के लिए अंडरकवर एजेंट बनने का मौका मिलता है, और वह इस साजिश का पर्दाफाश करने की कसम खाता है।
डायरेक्शन और लेखन
फिल्म का निर्देशन रवि उदयवर ने किया है, जिन्होंने इससे पहले 2017 की सुपरहिट फिल्म "मॉम" का निर्देशन किया था। लेकिन इस फिल्म में उनकी पकड़ कमजोर नजर आती है। फिल्म की कहानी काफी कन्फ्यूजिंग है, और यह कई बार दर्शकों को उलझा देती है।
स्क्रिप्ट की बात करें, तो इसे श्रीधर राघवन ने लिखा है, जिन्होंने "वॉर" और "टाइगर" जैसी बड़ी फिल्मों के लिए भी स्क्रिप्ट लिखी है। डायलॉग्स फरहान अख्तर ने लिखे हैं, लेकिन फिल्म की कहानी को लेकर कई जगह निरंतरता की कमी महसूस होती है।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का म्यूजिक शंकर-एहसान-लॉय की जोड़ी ने दिया है, लेकिन फिल्म के गाने ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ते। बैकग्राउंड स्कोर संचित और अंकित बल्हारा ने दिया है, जो कुछ जगहों पर फिल्म में थ्रिल पैदा करता है। लेकिन ज्यादातर गाने कहानी के साथ मेल नहीं खाते और फिल्म की गति को धीमा कर देते हैं।
एक्टिंग
सिद्धांत चतुर्वेदी ने युध्रा के किरदार में गुस्से और बदले की भावना को अच्छे से दिखाया है, लेकिन कहीं-कहीं उनकी एक्टिंग कमजोर पड़ती है। मालविका मोहनन की एक्टिंग भी प्रभावी नहीं है, और उनके और सिद्धांत के बीच की केमिस्ट्री भी ठंडी है।
राघव जुयाल का अभिनय फिल्म में खासा प्रभाव छोड़ता है। उन्होंने अपने किरदार से फिल्म में जान डाल दी है। राम कपूर और गजराज राव जैसे अनुभवी अभिनेताओं ने भी अच्छा काम किया है, लेकिन फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट के कारण उनका काम पूरी तरह उभर नहीं पाता।
फिल्म की कमजोरियां
फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी उलझी हुई कहानी है। फिल्म में एक्शन और रोमांस तो है, लेकिन कहानी इतनी जटिल है कि दर्शक कई बार यह समझने में असफल हो जाते हैं कि क्या हो रहा है। फिल्म का क्लाइमेक्स भी कमजोर है और कहीं न कहीं इसे और बेहतर बनाया जा सकता था।
फाइनल वर्डिक्ट
"Yudhra" एक ऐसी फिल्म है जिसमें बड़े नाम जुड़े होने के बावजूद कहानी और निर्देशन में खामियां नजर आती हैं। फिल्म का एक्शन और रोमांस कुछ हद तक अच्छा है, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और डायरेक्शन के कारण यह फिल्म दर्शकों को बांधकर रखने में असफल रहती है। अगर आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं और कुछ नया देखना चाहते हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं।
फिल्म को मेरी तरफ से 2.5 स्टार।