लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए खरीफ फसल 2024-25 का डिजिटल क्रॉप सर्वे का 80% काम पूरा कर लिया है। इस सर्वे का उद्देश्य राज्य के किसानों की फसलों की सटीक जानकारी जुटाना और उनकी फसल से संबंधित योजनाओं को सही तरीके से लागू करना है। डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से सरकार फसल उत्पादन की स्थिति का आकलन कर रही है, जिससे किसानों को योजनाओं का सही लाभ मिल सके।
अब तक 84,000 से अधिक राजस्व गांवों में से 47,000 से अधिक गांवों में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इस सर्वे में कुल 5.5 करोड़ से अधिक प्लॉट्स (गाटा संख्या) में से 4.5 करोड़ से अधिक प्लॉट्स का सर्वे पूरा हो गया है, जो कुल प्लॉट्स का लगभग 80% है। इसमें से 3 करोड़ से अधिक प्लॉट्स के सर्वे को अप्रूव कर दिया गया है, जो कुल सर्वे किए गए प्लॉट्स का 82% है। सर्वे के अनुसार, जौनपुर जिले ने सर्वेक्षण के काम में सबसे अधिक प्रगति की है, जबकि गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है।
प्रधानमंत्री मोदी का मिशन और योगी सरकार का विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों की आय को बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे की योजना बनाई है। इसके तहत, फसलों की सटीक जानकारी एकत्र की जाती है ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए खरीफ फसल 2024-25 के डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए विशेष निर्देश जारी किए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 अगस्त से 5 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया था।
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 91,609 राजस्व गांवों में कुल 5.8 करोड़ प्लॉट्स के सर्वे का काम शुरू किया गया था। अब तक, 47,000 से अधिक गांवों में सर्वे पूरा हो चुका है और सरकार शेष गांवों में युद्धस्तर पर काम कर रही है। सरकार ने सर्वे के दौरान सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया है, ताकि किसानों की फसल की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।
जौनपुर और गाजियाबाद सर्वे में सबसे आगे
डिजिटल क्रॉप सर्वे के तहत जौनपुर जिला सबसे आगे है। जौनपुर को 17 लाख से अधिक प्लॉट्स (गाटा संख्या) का सर्वेक्षण करना था, जिसमें से 15.69 लाख प्लॉट्स का सर्वे पूरा हो चुका है। इसमें से 99.45% प्लॉट्स के सर्वे को अप्रूव भी किया जा चुका है। गाजियाबाद जिला दूसरे स्थान पर है, जहां 1.45 लाख प्लॉट्स का सर्वे होना था, और 1.33 लाख प्लॉट्स का सर्वे पूरा कर लिया गया है। गाजियाबाद में 98.39% प्लॉट्स का सर्वे अप्रूव हो चुका है।
अमरोहा जिला तीसरे स्थान पर है, जहां 4.84 लाख प्लॉट्स का सर्वे होना था। इसमें से 4 लाख प्लॉट्स का सर्वे पूरा हो चुका है और 97.78% प्लॉट्स का सर्वे अप्रूव हो चुका है। इसके बाद बस्ती, आजमगढ़, हमीरपुर, मैनपुरी, महोबा, गाजीपुर, और शामली जिलों का स्थान आता है।
डिजिटल क्रॉप सर्वे से क्या होगा फायदा?
डिजिटल क्रॉप सर्वे का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन की सटीक जानकारी प्राप्त करना है, जिससे सरकार किसानों को योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचा सके। इससे फसल बीमा, मुआवजा और अन्य कृषि योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन किया जा सकेगा। डिजिटल सर्वे के जरिए सरकार को यह भी पता चल सकेगा कि किन क्षेत्रों में फसल को नुकसान हुआ है और किसे मदद की जरूरत है।
किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ डिजिटल क्रॉप सर्वे फसल उत्पादन की सटीक जानकारी भी देता है, जिससे योजनाओं को सही समय पर लागू किया जा सकता है। इसके अलावा, यह सर्वे किसानों को फसल बीमा और मुआवजे जैसी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेगा।
कैसे होता है डिजिटल क्रॉप सर्वे?
डिजिटल क्रॉप सर्वे एक आधुनिक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन और जमीनी सर्वेक्षण का उपयोग किया जाता है। इस सर्वे में फसल की स्थिति, जमीन की जानकारी और फसल उत्पादन का आकलन किया जाता है। इसके बाद यह डेटा डिजिटल रूप में सरकार के पास जमा किया जाता है।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होती है और इससे किसी भी प्रकार की हेरफेर की संभावना कम होती है। इस सर्वे के माध्यम से फसल उत्पादन की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे किसानों को योजनाओं का सही लाभ मिल सके।
किसानों की प्रतिक्रिया
डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर किसानों की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक रही है। किसानों का कहना है कि इस सर्वे के माध्यम से उन्हें अपनी फसल की सटीक जानकारी मिल रही है और अगर कोई फसल नुकसान होता है तो उन्हें समय पर मुआवजा मिलने की उम्मीद है।
किसानों का कहना है कि डिजिटल सर्वे की वजह से उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना आसान हो गया है। अब अगर कोई फसल नुकसान होता है, तो उसका सही मूल्यांकन किया जा सकता है और उन्हें सही मुआवजा मिल सकेगा।
सर्वे की चुनौतियां और सरकार के प्रयास
डिजिटल क्रॉप सर्वे एक चुनौतीपूर्ण काम है, क्योंकि यह पूरे प्रदेश में एक साथ चलाया जा रहा है। गांव-गांव जाकर फसल की जानकारी एकत्र करना आसान नहीं है, लेकिन योगी सरकार ने इस काम को तेजी से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
सर्वे को लेकर कुछ जगहों पर तकनीकी समस्याएं भी आई हैं, लेकिन सरकार ने उन पर तेजी से काम किया है। सर्वे के दौरान आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर सर्वे कर रही हैं।
अप्रूवल प्रक्रिया
अब तक 4.5 करोड़ से अधिक प्लॉट्स का सर्वे पूरा हो चुका है, जिसमें से 3 करोड़ से अधिक प्लॉट्स का सर्वे अप्रूव किया जा चुका है। अप्रूवल प्रक्रिया में भी तेजी लाई जा रही है, ताकि किसानों को योजनाओं का लाभ जल्द मिल सके।
योगी सरकार इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि हर प्लॉट का सही आंकलन हो और कोई भी किसान योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि सर्वे की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो और किसी भी प्रकार की गलती न हो।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की सफलता और भविष्य
डिजिटल क्रॉप सर्वे की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार इसे कितनी तेजी और सटीकता से लागू कर पाती है। अब तक का सर्वे 80% पूरा हो चुका है, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भविष्य में सरकार इस तकनीक का इस्तेमाल रबी फसल और अन्य फसलों के सर्वे के लिए भी कर सकती है। इससे फसल उत्पादन की सटीक जानकारी मिलने में मदद मिलेगी और किसानों को योजनाओं का लाभ सही समय पर मिल सकेगा।
डिजिटल क्रॉप सर्वे कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। इससे किसानों को न केवल अपनी फसल का सही आंकलन मिलेगा, बल्कि उन्हें योजनाओं का लाभ भी सही समय पर मिल सकेगा।
योगी सरकार का डिजिटल क्रॉप सर्वे एक बड़ा कदम है, जो किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने में मदद करेगा। जौनपुर और गाजियाबाद जैसे जिलों में सर्वे की तेजी से सफलता मिली है, और अन्य जिलों में भी यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
सरकार का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द इस सर्वे को 100% पूरा किया जाए, ताकि किसानों को फसल बीमा, मुआवजा और अन्य योजनाओं का सही लाभ मिल सके।