लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए एक बड़ी उम्मीद बनकर उभरी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों की सहायता करना है जो आर्थिक तंगी के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए महंगी कोचिंग सेवाओं का खर्च वहन नहीं कर सकते। योजना के अंतर्गत नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसकी बदौलत अब तक 46 अभ्यर्थी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर अफसर बने हैं, जबकि 121 अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश प्रांतीय सिविल सेवा (UPPCS) की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर राज्य सरकार के विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
इस योजना की विशेषता यह है कि यह छात्रों को न केवल शैक्षणिक रूप से मदद करती है, बल्कि उन्हें मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बनाती है। 75 जिलों में संचालित 156 कोचिंग केंद्रों के माध्यम से अब तक 82,209 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिनमें से करीब 700 छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है। योजना का असर यह है कि वंचित वर्ग के कई छात्रों के लिए यह योजना शिक्षा की नई राह खोलने में सहायक सिद्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत: 16 फरवरी 2021
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के दिन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना की शुरुआत से ही इसका उद्देश्य प्रदेश के गरीब, वंचित और पिछड़े वर्ग के छात्रों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें बेहतर शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने का था। इस योजना के अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को मुफ्त कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है।
योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रारंभिक चरण में ही इसने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की। योगी आदित्यनाथ की इस दूरद र्शी पहल ने उन छात्रों को एक नया प्लेटफार्म दिया है, जो संसाधनों की कमी के चलते अपने सपनों को छोड़ने की स्थिति में थे।
156 कोचिंग केंद्रों का संचालन, प्रत्येक जिले में नि:शुल्क कोचिंग
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत 156 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से छात्रों को मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। प्रत्येक जिले में स्थापित इन केंद्रों में छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की कोचिंग दी जाती है।
लखनऊ में अभ्युदय योजना के लिए एक विशेष सचिवालय की स्थापना की गई है, जो पूरे राज्य के सभी केंद्रों की निगरानी करता है और यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त हो। सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, इन कोचिंग केंद्रों में विशेषज्ञ शिक्षक छात्रों को गहन मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, ताकि वे अपने लक्ष्य तक पहुँच सकें।
वर्ष दर वर्ष छात्रों की बढ़ती संख्या और बेहतर परिणाम
अभ्युदय योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में हर साल वृद्धि हो रही है, जिससे इस योजना की सफलता का प्रमाण मिलता है। वर्ष 2021-22 में जहां इस योजना से 6,000 छात्रों ने लाभ उठाया, वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 25,380 हो गई। इसके बाद, 2023-24 में 27,634 छात्र इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, और 2024-25 में भी 23,195 से अधिक छात्रों का नामांकन हो चुका है, जबकि नामांकन प्रक्रिया अभी जारी है।
वर्ष दर वर्ष आंकड़े:
- 2021-22: 6,000 अभ्यर्थी
- 2022-23: 25,380 अभ्यर्थी
- 2023-24: 27,634 अभ्यर्थी
- 2024-25: 23,195 अभ्यर्थी (नामांकन प्रक्रिया जारी)
इस योजना के तहत छात्रों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं, जिनमें उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग, सिलेबस, प्रश्न बैंक, और डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर ऑफलाइन कक्षाओं का भी आयोजन किया जाता है, जहां शिक्षक छात्रों के साथ जुड़कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग
अभ्युदय योजना के अंतर्गत यूपीएससी, यूपीपीसीएस, जेईई, नीट, एनडीए, सीडीएस जैसी विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, छात्रों को इन परीक्षाओं के लिए डिजिटल संसाधन और विशेष मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
2024-25 में नामांकित छात्रों की संख्या:
- यूपीएससी/यूपीपीसीएस: 10,510 अभ्यर्थी
- नीट: 5,778 अभ्यर्थी
- जेईई: 2,033 अभ्यर्थी
- एनडीए/सीडीएस: 816 अभ्यर्थी
- अन्य कोर्स: 4,060 अभ्यर्थी
यूपीएससी और यूपीपीसीएस के सफल अभ्यर्थी
इस योजना की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि अब तक 46 से अधिक अभ्यर्थी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर चुके हैं, जबकि 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस परीक्षा पास कर चुके हैं। इसके अलावा, इस योजना के तहत 55 अभ्यर्थियों ने लेखपाल की परीक्षा पास की है, और वे राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। वर्ष 2024 में नीट परीक्षा में 86 और जेईई में 35 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की है।
1783 इम्पैनल्ड शिक्षक कर रहे मार्गदर्शन, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी कर रहे सहयोग
प्रदेश के 1783 से अधिक इम्पैनल्ड शिक्षक इस योजना के तहत छात्रों को उनके विषयों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इन शिक्षकों के माध्यम से छात्रों को गहन ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिक आत्मविश्वास के साथ शामिल हो पाते हैं। इसके साथ ही राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं, जिससे उन्हें उच्चस्तरीय शिक्षा और सही दिशा-निर्देश मिल रहे हैं।
ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और वेब पोर्टल से छात्रों को मिल रही सुविधा
छात्रों की पढ़ाई को आसान बनाने के लिए सरकार ने एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और वेब पोर्टल विकसित किया है, जो छात्रों को डिजिटल सामग्री, वीडियो लेक्चर, ऑनलाइन कक्षाएं और नि:शुल्क मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस पोर्टल के माध्यम से छात्रों को अध्ययन सामग्री, टेस्ट पेपर और प्रश्न बैंक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो उनकी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी योजना की पहुंच
इस योजना की पहुंच को बढ़ाने के लिए सरकार सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर योजना के बारे में नियमित अपडेट दिए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को योजना के बारे में जानकारी मिल रही है। इसके अलावा, छात्रों की समस्याओं का समाधान भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना: छात्रों के उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना न केवल उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिला रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित कर रही है। हजारों छात्रों के लिए यह योजना उनकी मेहनत और लगन को एक उचित दिशा में मोड़ रही है, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर पा रहे हैं।
सामाजिक उत्थान की दिशा में एक और कदम
इस योजना के माध्यम से समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के छात्रों को न केवल शिक्षा की सुविधा मिल रही है, बल्कि उनका सामाजिक और मानसिक उत्थान भी हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी पहल उन छात्रों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ थे।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से छात्र बन रहे हैं आत्मनिर्भर
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की बदौलत हजारों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। यह योजना प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है, जो उन्हें आत्मनिर्भरता और सफलता की दिशा में प्रेरित कर रही है।