बीकाजी फूड्स, जो भारतीय पारंपरिक स्नैक्स और मिठाइयों के लिए जाना जाता है, ने हाल ही में बड़ा कदम उठाते हुए कैफे और बेकरी ब्रांड "हेजलनट फैक्ट्री" में 53% हिस्सेदारी खरीद ली है। इस डील की कुल कीमत 131 करोड़ रुपये रही, जिससे अब बीकाजी फूड्स का हेजलनट फैक्ट्री में प्रमुख मालिकाना हक हो गया है। इस अधिग्रहण से बीकाजी ने बेकरी और कैफे उद्योग में अपनी जगह बनाई है, जो कंपनी की विकास योजनाओं का हिस्सा है।
हेजलनट फैक्ट्री: लोकप्रिय कैफे और बेकरी ब्रांड
हेजलनट फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में बीजेपी विधायक रोमी साहनी की कंपनी थी। इसकी शुरुआत छोटे स्तर पर हुई थी, लेकिन लखनऊ में इसके छह प्रमुख कैफे स्टोर चल रहे हैं। इसके अलावा कानपुर और दिल्ली में भी इसके एक-एक स्टोर हैं। हेजलनट फैक्ट्री अपने स्वादिष्ट बेकरी प्रोडक्ट्स जैसे केक, पेस्ट्री, कुकीज, और अन्य स्नैक्स के लिए प्रसिद्ध है।
बीकाजी फूड्स का विस्तार
बीकाजी फूड्स एक प्रमुख भारतीय स्नैक ब्रांड है, जिसकी स्थापना 1993 में शिव रतन अग्रवाल ने की थी। बीकाजी ने पारंपरिक भारतीय स्नैक्स और मिठाइयों को न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बनाया है। कंपनी की मार्केट वैल्यू वर्तमान में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक है। बीकाजी फूड्स का कारोबार भारत में लगभग हर राज्य में है और इसके उत्पाद अमेरिका, मध्य पूर्व और खाड़ी देशों में भी उपलब्ध हैं।
कैसे हुआ हेजलनट फैक्ट्री का अधिग्रहण?
बीकाजी फूड्स ने हेजलनट फैक्ट्री में 53% हिस्सेदारी खरीदने का निर्णय लिया, जिससे उसे अब इस ब्रांड पर प्रमुख नियंत्रण प्राप्त हो गया है। यह अधिग्रहण कैफे और बेकरी उद्योग में बीकाजी का पहला कदम है। इससे बीकाजी का व्यापार केवल पारंपरिक स्नैक्स और मिठाइयों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वह अब कैफे और बेकरी उद्योग में भी अपनी पहचान बना सकेगा।
बीकाजी फूड्स की स्थापना और यात्रा
बीकाजी फूड्स की शुरुआत 1993 में हुई थी, जब शिव रतन अग्रवाल ने पारंपरिक भारतीय स्नैक्स के लिए एक विशेष ब्रांड शुरू किया। शुरुआत में बीकाजी ने राजस्थान के भुजिया, नमकीन और मिठाइयों से अपनी पहचान बनाई, लेकिन धीरे-धीरे यह ब्रांड भारत के लगभग हर राज्य में फैल गया। आज बीकाजी फूड्स के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निर्यात होते हैं।
हेजलनट फैक्ट्री के बेकरी प्रोडक्ट्स की लोकप्रियता
हेजलनट फैक्ट्री अपने बेकरी प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है। इसके केक, पेस्ट्री, कुकीज, और अन्य स्नैक्स खासतौर पर लखनऊ के ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। इसके कैफे स्टोर्स में हर दिन बड़ी संख्या में लोग स्वादिष्ट बेकरी प्रोडक्ट्स का आनंद लेते हैं। अब बीकाजी फूड्स के साथ जुड़ने से हेजलनट फैक्ट्री को और भी बड़े पैमाने पर विस्तार करने का अवसर मिलेगा।
कैफे और बेकरी उद्योग में बीकाजी का नया सफर
बीकाजी फूड्स ने अपने इस नए अधिग्रहण के साथ स्पष्ट कर दिया है कि वह अब कैफे और बेकरी उद्योग में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता है। कंपनी ने भविष्य में और भी अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, ताकि वह वैश्विक स्तर पर अपने व्यापार को और मजबूत कर सके।
कैसे होगा यह अधिग्रहण फायदेमंद?
बीकाजी फूड्स का यह कदम एक रणनीतिक निर्णय है। बीकाजी पहले से ही भारतीय स्नैक्स इंडस्ट्री में एक प्रमुख स्थान रखता है, लेकिन हेजलनट फैक्ट्री के अधिग्रहण से कंपनी को कैफे और बेकरी उद्योग में भी विस्तार का मौका मिलेगा। इस अधिग्रहण के बाद हेजलनट फैक्ट्री के स्टोर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी और इसे अन्य शहरों में भी स्थापित किया जाएगा।
बीकाजी फूड्स की वैश्विक पहुंच
बीकाजी फूड्स केवल भारतीय बाजार में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी जगह बना चुकी है। इसके उत्पाद अमेरिका, कनाडा, मध्य पूर्व और खाड़ी देशों समेत कई अन्य देशों में भी उपलब्ध हैं। कंपनी की गुणवत्ता और उत्पादों का पारंपरिक स्वाद इसे अन्य ब्रांड्स से अलग बनाता है।
हेजलनट फैक्ट्री का भविष्य
हेजलनट फैक्ट्री के बेकरी और कैफे स्टोर्स को अब बीकाजी के समर्थन से और भी विस्तार मिलेगा। इसके उत्पाद अब और अधिक बड़े पैमाने पर बाजार में पहुंचेंगे, जिससे कंपनी को नए ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने का मौका मिलेगा। उम्मीद है कि आने वाले समय में हेजलनट फैक्ट्री के नए स्टोर्स अन्य शहरों में भी स्थापित होंगे।
बीकाजी फूड्स की व्यापारिक दृष्टि
बीकाजी फूड्स ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कंपनी का उद्देश्य न केवल पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में अपनी पकड़ मजबूत करना है, बल्कि वह कैफे और बेकरी उद्योग में भी अपनी पहचान बनाना चाहता है। हेजलनट फैक्ट्री का अधिग्रहण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
बीकाजी फूड्स और हेजलनट फैक्ट्री के बीच यह अधिग्रहण भारतीय कैफे और बेकरी उद्योग में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। दोनों ब्रांड्स की ताकत का मेल उन्हें न केवल भारतीय बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी एक नई पहचान दिलाने में सक्षम होगा।