14 Aug 2024
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UP Moradabad Leopard News: गांव डूंगरपुर में तेंदुए की दहशत, ग्रामीणों में खौफ

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मुरादाबाद के भगतपुर टांडा क्षेत्र के गांव डूंगरपुर में तेंदुए की दहशत का माहौल है। बुधवार की सुबह एक बार फिर से तेंदुआ गांव के बाहरी इलाके में देखा गया, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया है। इस घटना के बाद से लोग खेतों में काम करने से डर रहे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इससे पहले सोमवार को तेंदुए ने एक ग्रामीण पर हमला भी किया था, जिसके बाद गांव में खौफ और बढ़ गया है।

सुबह के समय तेंदुए का दिखना

गांव डूंगरपुर के निवासी प्रेम उर्फ बबलू के घर के पास बुधवार सुबह तेंदुआ दिखाई दिया। प्रेम का घर आबादी के बाहरी इलाके में है। वह सुबह पांच बजे के करीब उठे और घर का मुख्य दरवाजा खोलने लगे। जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, उनके सामने तेंदुआ खड़ा दिखाई दिया। इसे देखकर प्रेम के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया। डर और घबराहट के कारण उनकी चीख निकल गई, जिसे सुनकर गांव के अन्य लोग भी मौके पर जमा हो गए। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे तेंदुआ डरकर खेतों की ओर भाग गया।

सोमवार को भी किया था तेंदुए ने हमला

इससे पहले, सोमवार को भी तेंदुए ने गांव के एक अन्य निवासी, छतरपाल सिंह पर हमला कर दिया था। उस हमले में छतरपाल के चेहरे और पैर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा है। सोमवार की घटना के कुछ ही समय बाद तेंदुआ दोबारा उसी स्थान पर देखा गया, जिससे गांव में दहशत और बढ़ गई है। लगातार तेंदुए की मौजूदगी और सक्रियता ने ग्रामीणों को सहमा दिया है। इस डर के कारण लोग खेतों पर अकेले जाने से कतरा रहे हैं और समूह बनाकर ही बाहर जाने की हिम्मत कर रहे हैं।

तेंदुए की दहशत से ग्रामीणों में डर

गांव में तेंदुए की बढ़ती सक्रियता ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वह अब कैसे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। महिलाएं और बच्चे घरों से बाहर जाने से डर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुए के डर के कारण बच्चों को बाहर खेलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां तक कि लोग घर के दरवाजे और खिड़कियां भी बंद रख रहे हैं, ताकि तेंदुआ अंदर न आ सके। खेतों में जाने के लिए भी लोग समूह में ही जाने को मजबूर हैं और हर समय सतर्क रह रहे हैं।

वन विभाग से की तेंदुए को पकड़ने की मांग

गांव के लोगों ने वन विभाग से तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है, ताकि वे अपने रोजमर्रा के काम बिना डर के कर सकें। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक तेंदुए को पकड़ा नहीं जाता, तब तक गांव में सामान्य स्थिति नहीं हो सकती। तेंदुए के आतंक से लोग न केवल घर के बाहर बल्कि घर के अंदर भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

वन विभाग ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और गांव में गश्त बढ़ा दी है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए गांव के आसपास ट्रैप कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि, तेंदुए की हरकतें इतनी तेजी से बदल रही हैं कि उसे ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है।

गांव के लोगों की परेशानी

ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी उन्होंने गांव के आसपास जंगली जानवरों को देखा था, लेकिन तेंदुए का इस तरह बार-बार गांव के अंदर आना और हमला करना कभी नहीं हुआ। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि तेंदुए के डर से खेतों में काम करने वाले मजदूर भी काम छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। उनका कहना है कि तेंदुआ बहुत चालाक जानवर होता है और उसके आने की आहट भी नहीं मिलती। इस वजह से हर कोई अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

तेंदुए की गतिविधियों पर नजर

वन विभाग के अधिकारी तेंदुए की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और जल्द ही उसे पकड़ने की योजना बना रहे हैं। वन विभाग की एक टीम को तेंदुए के संभावित ठिकानों की पहचान करने के लिए लगाया गया है। इसके अलावा, गांव के निवासियों को भी इस बारे में जागरूक किया जा रहा है कि अगर तेंदुआ फिर से दिखाई दे तो क्या करना चाहिए और किस तरह से अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

ग्रामीणों की सुरक्षा के उपाय

वन विभाग ने ग्रामीणों को तेंदुए से बचाव के कुछ उपाय बताए हैं:

  1. रात में घर के बाहर अकेले न निकलें: तेंदुए आमतौर पर रात के समय ही ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिए रात में घर से बाहर जाने से बचें।
  2. खुले दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें: तेंदुए घर के अंदर भी घुस सकते हैं, इसलिए हर समय दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
  3. खेतों में समूह बनाकर ही जाएं: अकेले खेतों में न जाएं। एक साथ समूह में ही जाएं ताकि तेंदुआ हमला न कर सके।
  4. जानवरों को सुरक्षित रखें: पालतू जानवरों को तेंदुए का शिकार बनने से बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखें।
  5. शोर मचाएं: अगर तेंदुआ दिखाई दे तो शोर मचाकर उसे भगाने की कोशिश करें, लेकिन बहुत करीब जाने की कोशिश न करें।

गांव के बुजुर्गों की चिंता

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि तेंदुआ बहुत चालाक और खतरनाक जानवर होता है। अगर वह इंसानों के करीब आना शुरू कर देता है, तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है। तेंदुए के हमले से बचना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है। बुजुर्गों का कहना है कि वन विभाग को तुरंत एक्शन लेना चाहिए और तेंदुए को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए, ताकि गांव के लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।

अभी तक तेंदुए को पकड़ने में सफलता नहीं

हालांकि वन विभाग की टीमें तेंदुए को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है। तेंदुए की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों को जागरूक रहने और अपने घरों के आसपास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही तेंदुए को पकड़कर गांव को इस डर से मुक्त किया जाएगा।

ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत

गांव डूंगरपुर के लोगों के लिए तेंदुए का आतंक खत्म होने तक सतर्कता ही एकमात्र उपाय है। उन्हें वन विभाग की सलाह का पालन करना चाहिए और अपने आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए ग्रामीणों को अपने घरों के आसपास रोशनी की व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि रात के समय तेंदुआ गांव के अंदर न आ सके।

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