Movie Review
Title: Never Let Go
Cast: Halle Berry, Percy Daggs IV, Anthony B. Jenkins, Matthew Kevin Anderson, Kristin Park, Stephanie Lavigne
Writers: Kevin Coughlin, Ryan Grassby
Director: Alexandre Aja
Producers: Shawn Levy, Dan Cohen, Alexandre Aja, Dan Levine
Release Date: September 20, 2024
Rating: 3/5
परिचय:
अगर आपको हॉरर फिल्में पसंद हैं, तो "नेवर लेट गो" आपके लिए एक दिलचस्प अनुभव हो सकती है। यह फिल्म डर, सर्वाइवल (जीवित रहने की कोशिश) और रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाती है। फिल्म के निर्देशक अलेक्ज़ान्ड्रे अजा इससे पहले "द हिल्स हैव आईज" और "मिरर्स" जैसी हॉरर फिल्मों से मशहूर हो चुके हैं। उनकी यह नई फिल्म, जो कि शॉन लेवी द्वारा निर्मित है, एक नए किस्म की डरावनी दुनिया में ले जाती है, जिसमें हैली बेरी मुख्य भूमिका में हैं।
कहानी की झलक:
फिल्म की कहानी एक मां (हैली बेरी) और उसके जुड़वा बेटों की है, जो एक खतरनाक जंगल में बने एक घर में रह रहे हैं। इस घर में वो सब कुछ है जो उन्हें सुरक्षित रख सकता है, लेकिन डर हमेशा बाहर मंडराता है। मां और बेटे हर रोज़ खाना ढूंढने के लिए जंगल में जाते हैं, लेकिन घर लौटते समय हमेशा एक रस्सी से बंधे रहते हैं ताकि कोई खो न जाए। फिल्म का नाम "नेवर लेट गो" यानी "कभी मत छोड़ना" इसी रस्सी से जुड़ा हुआ है। यह रस्सी न सिर्फ उनके बीच के संबंध का प्रतीक है, बल्कि जीवन और मौत के बीच की एक पतली डोर है।
उत्तरजीविता और संघर्ष:
यह फिल्म सर्वाइवल ड्रामा की शैली में बनाई गई है, जिसका मतलब है कि इसमें किरदारों का जीवन बचाने के लिए लगातार संघर्ष दिखाया जाता है। मां और उसके दोनों बेटे जंगल में खाना ढूंढते हुए कई मुश्किलों का सामना करते हैं। कभी-कभी उन्हें पेड़ों की छाल तक खाने की नौबत आ जाती है। इस संघर्ष के बीच, एक समय ऐसा भी आता है जब उन्हें अपने पालतू कुत्ते को मारने का फैसला लेना पड़ता है। यहां से फिल्म का असली नाटक शुरू होता है, जब बेटों में से एक अपनी मां के फैसले के खिलाफ हो जाता है।
रिश्तों की जटिलता:
फिल्म का मुख्य संदेश यह है कि इंसान सबसे पहले अपने स्वार्थ को देखता है, चाहे उसके रिश्ते कितने भी गहरे क्यों न हों। जब रिश्तों में विश्वास टूटता है, तो जीवन में सिर्फ संघर्ष ही बचता है। मां और बेटों के बीच के रिश्ते की जटिलता इस फिल्म में गहराई से दिखाई गई है। फिल्म दर्शाती है कि रिश्ते मजबूत हों तो जीवन की कठिनाइयां भी आसान हो सकती हैं, लेकिन अगर विश्वास टूट जाए तो सब कुछ बिखर जाता है।
हैली बेरी की दमदार अदाकारी:
हैली बेरी ने एक बेबस और संघर्षशील मां की भूमिका में जबरदस्त अदाकारी की है। उनकी आंखों में दर्द, बच्चों के प्रति प्यार और परिस्थितियों से जूझने की ताकत साफ दिखाई देती है। उनके किरदार की मजबूरी और हिम्मत दोनों को उन्होंने बहुत अच्छे से निभाया है। उनकी परफॉर्मेंस इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है और वो फिल्म को एक नई ऊंचाई पर ले जाती हैं। उनके साथ बच्चों के किरदार में पर्सी डैग्स फोर्थ और एंथनी बी. जेनकिंस ने भी बेहतरीन काम किया है।
तकनीकी पहलू और सिनेमैटोग्राफी:
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी (कैमरा वर्क) और प्रोडक्शन डिज़ाइन (सेट और माहौल) बहुत ही बेहतरीन है। जंगल के भयानक वातावरण और उसमें बने घर को बहुत अच्छे से दिखाया गया है। फिल्म के ज्यादातर हिस्से वैंकूवर के जंगलों में शूट किए गए हैं, जिससे फिल्म का माहौल और भी डरावना लगता है। सिनेमैटोग्राफी की तारीफ करनी होगी, क्योंकि वह फिल्म के डर और रहस्य को और गहरा बना देती है। इसके साथ ही फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक (पार्श्व संगीत) भी काबिले तारीफ है, जो हर सीन को और अधिक डरावना बनाता है।
फिल्म का भावनात्मक पहलू:
फिल्म सिर्फ डराने वाली नहीं है, बल्कि इसमें गहरे भावनात्मक पहलू भी हैं। मां और बेटों के बीच का रिश्ता, उनका संघर्ष, और उनके डर हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि जीवन में सबसे बड़ा डर कभी-कभी हमारे अंदर ही होता है। फिल्म के अंत में, जब सच्चाई सामने आती है, तो हमें महसूस होता है कि यह सिर्फ एक डरावनी कहानी नहीं थी, बल्कि रिश्तों और विश्वास की एक गहरी यात्रा थी।
फिल्म का संदेश:
फिल्म का नाम "नेवर लेट गो" केवल उस रस्सी से जुड़ा हुआ नहीं है, जो उन्हें जोड़ती है, बल्कि यह एक प्रतीक है उन रिश्तों का, जिनसे हम कभी अलग नहीं हो सकते। चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, अगर हम एक दूसरे का साथ न छोड़ें, तो जीवन की हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।
"नेवर लेट गो" एक अच्छी हॉरर फिल्म है, जो डर और रिश्तों की गहराई को साथ लेकर चलती है। अगर आप हॉरर और सर्वाइवल ड्रामा के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक अच्छा अनुभव साबित हो सकती है। फिल्म की दमदार कहानी, हैली बेरी की बेहतरीन परफॉर्मेंस और शानदार सिनेमैटोग्राफी इसे एक खास फिल्म बनाते हैं।