बदलापुर केस के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद महाराष्ट्र में सियासी माहौल गर्म हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस घटना पर राज्य सरकार से कई सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि आरोपी के पीछे की सच्चाई छिपाई जा रही है। उन्होंने सीधा सवाल किया है कि आखिरकार बदलापुर स्कूल के ट्रस्टी कहां हैं और उन्हें बीजेपी द्वारा बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है?
आदित्य ठाकरे के 3 बड़े सवाल
आदित्य ठाकरे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुद्दे पर तीन प्रमुख सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा, "असल सवाल यह है कि बदलापुर स्कूल के ट्रस्टी कहां हैं और उन्हें सरकार क्यों बचा रही है?" ठाकरे ने ये भी सवाल किया कि वामन म्हात्रे नामक एक व्यक्ति ने एक पत्रकार से इस मामले पर ऐसे सवाल किए जो असंवेदनशील और अपमानजनक थे। ठाकरे ने पूछा, "म्हात्रे की सुरक्षा क्यों की जा रही है?"
इसके साथ ही, आदित्य ठाकरे ने तीसरा सवाल किया कि प्रदर्शन करने वाले आम नागरिकों पर दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएंगे या नहीं? उन्होंने कहा, "जो लोग केवल यह मांग कर रहे थे कि पुलिस पीड़िता की शिकायत दर्ज करे, उनके साथ गैंगस्टर जैसा व्यवहार क्यों किया गया? थानेदार किसकी रक्षा कर रहे थे?"
The real question is:
1) Where are the trustees of the Badlapur school? Why are they being protected by the bjp- mindhe regime?
2) What about mindhe’s local chap- Waman Mhatre who asked questioned a journalist that why she was questioning the incident as if she herself had been…
बीजेपी पर आरोप
आदित्य ठाकरे के इन सवालों के पीछे माना जा रहा है कि बदलापुर स्कूल के ट्रस्टी का बीजेपी से संबंध है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी ट्रस्टी को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सीधे तौर पर पूछा, "क्या यह सच है कि बीजेपी ट्रस्टी को सुरक्षा प्रदान कर रही है? क्या राज्य सरकार इस पर जवाब देगी?"
फडणवीस का जवाब
इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष हर मुद्दे पर सवाल उठाता है। फडणवीस ने कहा, "यही विपक्ष कुछ समय पहले इस आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहा था। अब जब आरोपी ने पुलिस पर हमला किया और पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की, तो उसमें भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस अपनी रक्षा नहीं करेगी तो क्या करेगी?"
सीआईडी करेगी जांच
इस बीच, अक्षय शिंदे के एनकाउंटर की जांच CID को सौंप दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, फॉरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की एक टीम ने उस पुलिस वाहन की जांच शुरू कर दी है, जिसमें आरोपी शिंदे को गोली मारी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि शिंदे को सोमवार शाम को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज किए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर गोली चला दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई।
एनकाउंटर की परिस्थितियां
अक्षय शिंदे पर आरोप था कि उसने बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण किया था। इस आरोप में उसे 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद शिंदे को पुलिस हिरासत में रखा गया था। सोमवार को जब उसे उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज किए गए एक अन्य मामले की जांच के लिए ले जाया जा रहा था, तभी यह घटना हुई। पुलिस का दावा है कि शिंदे ने पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीनकर गोली चलाई, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और उसकी मौत हो गई।
परिवार ने पुलिस के दावों को चुनौती दी
अक्षय शिंदे के परिवार ने पुलिस के इस दावे को चुनौती दी है कि शिंदे ने पुलिसकर्मी पर गोली चलाई थी। शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने अपने बेटे की कथित हत्या की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि उनके बेटे की मौत एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई है और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। शिंदे के परिवार के अनुसार, यह कोई एनकाउंटर नहीं था, बल्कि यह एक हत्या थी जिसे पुलिस ने अंजाम दिया।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
यह एनकाउंटर सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं रह गया है, बल्कि इसके चलते राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) ने इस घटना पर सत्ताधारी बीजेपी और एकनाथ शिंदे सरकार को निशाने पर ले लिया है। वहीं, सरकार की ओर से भी तीखे जवाब आ रहे हैं, जिसमें फडणवीस ने विपक्ष पर अनावश्यक राजनीति करने का आरोप लगाया है।
आगे की कार्रवाई
अब इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है, और जांच के नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि इस एनकाउंटर के पीछे की सच्चाई क्या है। वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी रहेंगे। जनता की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि क्या इस घटना के पीछे छिपे सच का पर्दाफाश हो सकेगा और क्या दोषियों को सजा मिलेगी?