भारत की पहली महिला जिमनास्ट, जिसने ओलंपिक में भाग लिया, दीपा करमाकर ने आज खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उनका यह फैसला खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ी खबर है। दीपा ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैसले को साझा किया और साथ ही भविष्य में कोच या मेंटर बनने की इच्छा भी व्यक्त की।
दीपा करमाकर की संन्यास की घोषणा
सोशल मीडिया पोस्ट में दीपा करमाकर ने लिखा, "काफी सोचने और विचार करने के बाद, मैंने जिम्नास्टिक से संन्यास लेने का कठिन निर्णय लिया है। जिम्नास्टिक मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है और इस खेल ने मुझे वह सब कुछ दिया है, जिसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगी।"
Signing off from the mat! ❤️
Thank you to everyone who has been a part of my journey.
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पेरिस ओलंपिक क्वालिफिकेशन के बाद लिया निर्णय
यह निर्णय तब आया जब दीपा पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालिफाई करने में असफल रहीं। ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था। हालांकि, हालिया कुछ वर्षों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें चोट और डोपिंग निलंबन भी शामिल थे।
दीपा की शुरुआत और उपलब्धियां
त्रिपुरा की दीपा करमाकर ने मात्र 5 साल की उम्र में जिम्नास्टिक की शुरुआत की थी। शुरुआती दिनों में उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। दीपा को भारत की जिम्नास्टिक सनसनी के रूप में जाना जाता है, खासकर 2016 के रियो ओलंपिक के बाद, जब उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया था। वह कांस्य पदक से सिर्फ 0.15 अंकों से चूक गई थीं, लेकिन उनका प्रदर्शन देश के लिए गर्व का क्षण बना।
जिम्नास्टिक करियर के महत्वपूर्ण मोड़
दीपा करमाकर का करियर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा हुआ है। 2014 में, उन्होंने ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता था, जो कि भारतीय जिम्नास्टिक के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। इसके बाद, 2015 में उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता।
दीपा के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि तब आई जब उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 'प्रोडुनोवा वॉल्ट' का प्रदर्शन किया, जो दुनिया के सबसे कठिन जिम्नास्टिक मूव्स में से एक है। उनकी इस परफॉर्मेंस ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।
कठिनाइयों का सामना
हालांकि, दीपा का करियर चुनौतियों से भरा रहा। उन्हें अपने घुटनों की दो बार सर्जरी करानी पड़ी और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी द्वारा 21 महीने का निलंबन भी झेलना पड़ा। इसके बावजूद, दीपा ने शानदार वापसी की। 2024 में, उन्होंने ताशकंद में आयोजित एशियाई सीनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और एक बार फिर से अपने नाम को भारतीय जिम्नास्टिक के इतिहास में अमर कर दिया।
दीपा करमाकर की कोचिंग की योजना
संन्यास के बाद, दीपा ने अपने फैंस और खेल प्रेमियों को आश्वासन दिया है कि वह खेल से पूरी तरह दूर नहीं होंगी। उन्होंने संकेत दिया है कि वह कोच या मेंटर के रूप में अपना योगदान जारी रखेंगी। दीपा ने कहा, "मैं जिम्नास्टिक को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उत्साहित हूं और कोचिंग के जरिए इस खेल में अपनी भागीदारी को बनाए रखना चाहती हूं।"
जिम्नास्टिक में दीपा की विरासत
दीपा करमाकर का नाम भारतीय खेल इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने न केवल भारतीय जिम्नास्टिक को एक नई पहचान दी, बल्कि हजारों युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया। दीपा की जिम्नास्टिक के प्रति लगन और उनकी मेहनत ने यह साबित कर दिया कि भारत में भी इस खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की जा सकती है।
दीपा का खेल से जुड़ाव और आगे की योजनाएं
संन्यास के बाद दीपा का मुख्य उद्देश्य जिम्नास्टिक के नए खिलाड़ियों को तैयार करना और उनके अनुभवों को साझा करना है। उन्होंने कहा कि वह नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के साथ काम करने के लिए बेहद उत्साहित हैं और उन्हें खेल की बारीकियां सिखाने के लिए तैयार हैं। दीपा का यह कदम भारतीय जिम्नास्टिक के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उनके अनुभव और मार्गदर्शन से नई प्रतिभाओं को प्रेरणा मिलेगी।
दीपा करमाकर का संन्यास भारतीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनके द्वारा खेल के लिए किए गए योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी उपलब्धियां न केवल उनके लिए गर्व का विषय हैं, बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात हैं। अब, जब दीपा ने खेल से संन्यास लेने का फैसला कर लिया है, तो उनके नए सफर की शुरुआत भी उतनी ही रोमांचक होगी। वह अपने अनुभव और ज्ञान से खेल की नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करेंगी, और इससे भारतीय जिम्नास्टिक को नई ऊंचाइयां छूने का मौका मिलेगा।
दीपा करमाकर के इस फैसले का स्वागत करते हुए सभी को उम्मीद है कि वह अपनी कोचिंग से भारतीय जिम्नास्टिक को और भी आगे ले जाएंगी। उनके इस नए सफर के लिए शुभकामनाएं!