14 Aug 2024
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उत्तर प्रदेश में जूतों पर जीएसटी में कटौती: 999 रुपये तक के जूते होंगे सस्ते

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जूते खरीदने के इच्छुक ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। सरकार ने 999 रुपये तक के जूतों पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है। यह निर्णय हाल ही में गठित मंत्री समूह (जीओएम) द्वारा लिया गया है, जिसे जीएसटी की दरों का निर्धारण करने का जिम्मा सौंपा गया था। इस बदलाव के साथ, जूते की कीमतों में कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और जूता कारोबारियों को भी अपने व्यवसाय में सुधार करने का अवसर मिलेगा।

जीएसटी की वर्तमान स्थिति और इसके प्रभाव

पहली जनवरी 2022 से, 999 रुपये तक के जूते 12 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में थे। इस टैक्स वृद्धि का जूता उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा था। जूते की कीमतें बढ़ने के कारण ग्राहक प्रभावित हुए, जिससे उनकी बिक्री में कमी आई। इस स्थिति ने जूता कारोबारियों को आर्थिक संकट में डाल दिया था।

जूतों पर बढ़ते जीएसटी के चलते छोटे व्यापारियों ने लगातार सरकार से मांग की थी कि इस दर को घटाया जाए। कारोबारियों का मानना था कि जीएसटी की दर में कमी से जूता उद्योग को एक नई जान मिलेगी और बिक्री में भी इजाफा होगा।

जूता उद्योग की महत्ता

उत्तर प्रदेश में जूता उद्योग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां जूते का निर्माण करने वाले कई छोटे और बड़े उद्योग हैं, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इस उद्योग का विकास न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के कई वर्गों के लिए भी एक स्थायी रोजगार का स्रोत है।

जब जूतों पर जीएसटी की दर बढ़ी, तो इसका असर सीधे तौर पर इस उद्योग पर पड़ा। कई छोटे व्यापारी और निर्माता अपनी व्यावसायिक स्थिति को संभालने में असमर्थ रहे। इस स्थिति को देखकर राज्य के जूता व्यवसायियों ने सरकार से गुहार लगाई कि उन्हें राहत प्रदान की जाए।

जीएसटी काउंसिल का निर्णय

अब जब मंत्री समूह ने जूतों पर जीएसटी की दर को घटाने का निर्णय लिया है, तो इसका स्वागत पूरे उद्योग द्वारा किया गया है। जीएसटी काउंसिल की मंजूरी मिलते ही, यह बदलाव लागू हो जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश के जूता कारोबारियों को राहत मिलेगी और उनकी बिक्री में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

इसके अलावा, यह भी संभावना है कि जूतों की कीमतें ग्राहकों के लिए अधिक सस्ती हो जाएंगी। जब जूते पर जीएसटी कम होगा, तो दुकानदार भी अपनी कीमतों को कम करने के लिए बाध्य होंगे, जिससे उपभोक्ता अधिक सस्ते जूते खरीद सकेंगे।

उपभोक्ताओं के लिए लाभ

इस नए फैसले का सबसे बड़ा लाभ उपभोक्ताओं को होगा। सस्ते जूतों के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए, दुकानदारों को अपनी कीमतें कम करनी पड़ेंगी। इससे ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता के जूते सस्ते दामों पर मिल सकेंगे। इसके साथ ही, यह भी उम्मीद की जा रही है कि सस्ती कीमतों के कारण जूता बिक्री में तेजी आएगी।

जूता उद्योग का भविष्य

जूता उद्योग के लिए यह एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है। जीएसटी में कटौती से न केवल बिक्री में वृद्धि होगी, बल्कि इसके माध्यम से छोटे और मध्यम उद्यमियों को भी अपने व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यह बदलाव रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर सकता है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

जूता कारोबारियों की उम्मीदें

जूतों पर जीएसटी की दर कम होने के बाद, जूता कारोबारियों ने सरकार से और अधिक सहायता की उम्मीद जताई है। वे चाहते हैं कि सरकार उद्योग के विकास के लिए और भी सकारात्मक कदम उठाए, ताकि उनके व्यवसाय में वृद्धि हो सके। जूता कारोबारियों का मानना है कि यदि सरकार इस दिशा में और कार्रवाई करती है, तो इससे उद्योग को बड़ा लाभ मिलेगा और उपभोक्ताओं के लिए भी सस्ती कीमतों पर जूते उपलब्ध होंगे।

उत्तर प्रदेश में 999 रुपये तक के जूतों पर जीएसटी की दर को घटाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल जूता कारोबारियों के लिए राहत का कारण बनेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ते जूतों की खरीदारी का अवसर प्रदान करेगा। सभी की निगाहें अब जीएसटी काउंसिल के अंतिम फैसले पर हैं, ताकि जल्द से जल्द इस नीति का कार्यान्वयन हो सके और जूता उद्योग को एक नई दिशा मिल सके।

इस फैसले से जूता उद्योग की रौनक लौटने की उम्मीद है। जूता कारोबारियों और उपभोक्ताओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिससे दोनों पक्षों को फायदा होगा। अब यह देखना होगा कि सरकार इस दिशा में और क्या कदम उठाती है और उद्योग को कैसे बढ़ावा देती है।

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