14 Aug 2024
>

Apple Iphone 16 Ban in Indonesia: निवेश शर्तों के उल्लंघन के चलते बिक्री पर रोक

  • 0
  • 196

इंडोनेशिया सरकार ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए Apple कंपनी के iPhone 16 की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का कहना है कि यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि Apple ने इंडोनेशिया में निवेश संबंधी समझौते का पूरी तरह से पालन नहीं किया। इंडोनेशिया के कानून के मुताबिक, देश में किसी भी विदेशी कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स बेचने के लिए निवेश की कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं। इन शर्तों को पूरा करने के लिए Apple को इंडोनेशिया में एक निश्चित राशि का निवेश करना था, लेकिन सरकार का कहना है कि कंपनी ने पूरी शर्तों का पालन नहीं किया।

निवेश नियमों का उल्लंघन और TKDN की अनिवार्यता

इंडोनेशिया में किसी भी कंपनी को अपने उत्पादों की बिक्री करने के लिए "टिंगकत केदालम नेगारी" (TKDN) प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। इस प्रमाणपत्र का अर्थ यह है कि उत्पाद में एक निश्चित प्रतिशत स्थानीय सामग्री का उपयोग किया गया है या कंपनी ने स्थानीय निवेश की शर्तें पूरी की हैं। Apple ने कुछ निवेश किया है, लेकिन इंडोनेशिया सरकार का कहना है कि यह निवेश उस समझौते के अनुसार नहीं है, जो कंपनी और सरकार के बीच हुआ था।

Apple पर निवेश नियमों के उल्लंघन का आरोप

Apple और इंडोनेशिया सरकार के बीच एक एमओयू (MOU) साइन हुआ था, जिसमें कंपनी को देश में निवेश की एक निश्चित राशि तय समय के भीतर करनी थी। Apple ने इंडोनेशिया में निवेश जरूर किया, लेकिन यह निवेश उस राशि से काफी कम था, जो समझौते में तय की गई थी। इस वजह से सरकार ने iPhone 16 पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसे अवैध करार दिया गया है। इंडोनेशिया के कानून के मुताबिक, जब तक Apple अपने निवेश की स्थिति स्पष्ट नहीं करता, तब तक iPhone 16 की बिक्री पर यह प्रतिबंध जारी रहेगा।

प्रतिबंध के प्रभाव और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

इस प्रतिबंध के कारण इंडोनेशिया में Apple के उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। iPhone 16 के इंतजार में कई उपभोक्ताओं ने पहले से प्री-बुकिंग भी कर रखी थी, लेकिन अब वे इस स्थिति में हैं कि उन्हें यह फोन नहीं मिल पाएगा। कई उपभोक्ता सरकार से इस मामले में तुरंत समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि वे नए iPhone का उपयोग कर सकें।

इंडोनेशिया में तकनीकी कंपनियों के लिए निवेश के नियम क्यों जरूरी?

इंडोनेशिया सरकार का मानना है कि विदेशी कंपनियों द्वारा देश में निवेश किए जाने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। इसके जरिए रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं और देश में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सुधार होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने TKDN नियम बनाए हैं। इसके तहत किसी भी विदेशी कंपनी को एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को लाभ हो सके।

अन्य तकनीकी कंपनियों पर भी लागू हैं ये नियम

Apple के अलावा कई अन्य तकनीकी कंपनियां भी इंडोनेशिया में अपने उत्पाद बेचती हैं और उन्हें भी TKDN प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। सैमसंग, ओप्पो, वीवो, और शाओमी जैसी कंपनियां भी इसी तरह के नियमों का पालन करती हैं। इंडोनेशिया सरकार के अनुसार, इन कंपनियों ने देश में निवेश को लेकर किए गए समझौतों का पालन किया है, जिस कारण इन्हें अपने उत्पादों की बिक्री में कोई रुकावट नहीं आई है।

Apple के लिए आगे का रास्ता

इंडोनेशिया सरकार का कहना है कि अगर Apple अपने निवेश की स्थिति को स्पष्ट करता है और समझौते के मुताबिक निवेश की शर्तें पूरी करता है, तो इस प्रतिबंध को हटाया जा सकता है। सरकार के अनुसार, Apple को इंडोनेशिया में स्थानीय बाजार में अपने उत्पादों की बिक्री जारी रखने के लिए जरूरी सभी निवेश शर्तों का पालन करना होगा। इसके बिना कंपनी का उत्पाद इंडोनेशिया में वैध नहीं होगा।

इंडोनेशिया के बाजार में प्रतिबंध का संभावित असर

Apple का iPhone 16 इंडोनेशिया के बाजार में बड़ी उम्मीदों के साथ लॉन्च होने वाला था, लेकिन इस प्रतिबंध के कारण कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इंडोनेशिया एक बड़ा बाजार है और यहां iPhone के ग्राहकों की संख्या भी अच्छी-खासी है। इस प्रतिबंध के चलते कई उपभोक्ताओं को अन्य ब्रांड्स के फ्लैगशिप स्मार्टफोन की ओर रुख करना पड़ सकता है, जिससे बाजार में Apple की हिस्सेदारी कम हो सकती है।

सरकार की सख्ती का क्या मतलब है?

इंडोनेशिया सरकार की इस सख्ती को कई विशेषज्ञ एक सख्त संदेश के रूप में देख रहे हैं। सरकार का यह कदम यह दर्शाता है कि विदेशी कंपनियों को देश के नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। यह उन कंपनियों के लिए भी एक उदाहरण है, जो भविष्य में इंडोनेशिया के बाजार में प्रवेश करने की सोच रही हैं।

इंडोनेशिया सरकार का यह फैसला देश की आर्थिक मजबूती के लिए एक सख्त कदम है। अगर Apple कंपनी अपनी निवेश नीतियों में बदलाव करती है और इंडोनेशिया के बाजार के लिए स्थानीय निवेश की शर्तों का पालन करती है, तो वह यहां फिर से अपने उत्पादों की बिक्री कर पाएगी।

Prev Post Lucknow में भिखारियों की चौंकाने वाली कमाई: 63 लाख रुपए प्रतिदिन!
Next Post दीपावली के बाद यूपी उपचुनाव की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव करेंगे जनसभा और रोड शो
Related Posts
Commnets ( 0 )
Leave A Comment