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डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया

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डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया

हाल ही में, डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है। इसका मतलब है कि यह वायरस इतनी गंभीर समस्या बन गया है कि अब इसे पूरी दुनिया के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। इस लेख में हम मंकीपॉक्स के बारे में सरल भाषा में जानकारी देंगे और बताएंगे कि इसके साथ हम कैसे निपट सकते हैं।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो पोक्सवाइरिडे परिवार से संबंधित है। इसे पहली बार 1958 में मंकी में देखा गया था, लेकिन यह मुख्य रूप से कृंतक जैसे चूहों और गिलहरी में पाया जाता है। इंसानों में यह बीमारी बुखार, दाने और त्वचा पर छाले जैसी समस्याओं के साथ आती है।

मंकीपॉक्स की मौजूदा स्थिति

डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है क्योंकि यह वायरस 116 देशों में फैल चुका है। अब तक 99,176 मामले सामने आ चुके हैं और 208 लोगों की मौत हो चुकी है। अफ्रीका के कई देशों में यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है और वहां के स्वास्थ्य ढांचे पर भारी दबाव डाल रहा है।

डब्ल्यूएचओ का कदम

डब्ल्यूएचओ का यह कदम मंकीपॉक्स की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य वायरस के फैलाव को रोकना और इसके खतरनाक प्रभावों से बचाव करना है। अगर जल्द से जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह बीमारी और अधिक फैल सकती है और वैश्विक स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकती है।

मंकीपॉक्स के लक्षण और प्रसार

मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर दाने होते हैं। ये दाने अक्सर चेहरे, हाथों और अन्य हिस्सों पर होते हैं। यह बीमारी व्यक्ति से व्यक्ति में सीधे संपर्क के जरिए फैलती है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।

समस्या का समाधान और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

मंकीपॉक्स की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं:

  1. टीकाकरण और इलाज: मंकीपॉक्स के लिए टीके उपलब्ध हैं और कई देशों में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। इसके अलावा, उपचार के लिए एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा रहा है।
  2. स्वास्थ्य निगरानी: संक्रमित क्षेत्रों में स्वास्थ्य निगरानी बढ़ा दी गई है और लोगों की नियमित जांच की जा रही है।
  3. जन जागरूकता: लोगों को मंकीपॉक्स के लक्षण, इसके फैलाव के तरीके और सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
  4. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों और संगठनों के बीच सहयोग बढ़ाया गया है ताकि मिलकर इस संकट से निपटा जा सके।

भविष्य की दिशा

मंकीपॉक्स की स्थिति ने दिखाया है कि हमें वैश्विक स्वास्थ्य संकटों के लिए बेहतर तैयारी की जरूरत है। भविष्य में, इस तरह की महामारियों को नियंत्रित करने के लिए हमें और अधिक सतर्क रहना होगा और मिलकर काम करना होगा।

डब्ल्यूएचओ द्वारा मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करना इस वायरस की गंभीरता को दर्शाता है। हमें मिलकर काम करना चाहिए, सही जानकारी और संसाधन जुटाने चाहिए, और स्वास्थ्य प्रबंधन के उपायों को अपनाना चाहिए ताकि इस संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

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