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अभिषेक बनर्जी का खुलासा: ‘वेदा’ में मैंने किसी और का रोल छीन लिया

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अभिषेक बनर्जी का खुलासा: ‘वेदा’ में मैंने किसी और का रोल छीन लिया

मुंबई का फिल्म उद्योग, जो अपने चमक-धमक और ग्लैमर के लिए जाना जाता है, अक्सर अपने अंदर की सच्चाईयों और विवादों के लिए भी सुर्खियों में रहता है। कास्टिंग डायरेक्टर्स पर लगते आरोपों की एक लंबी श्रृंखला है कि वे टैलेंटेड कलाकारों को सही मौके नहीं देते और अपने करीबी लोगों को ही प्रमोट करते हैं। हाल ही में अभिनेता और कास्टिंग डायरेक्टर अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे पर एक बड़ा खुलासा किया, जो इस विषय पर चर्चा को और भी तीव्र बना सकता है।

अभिषेक बनर्जी ने फिल्म वेदा के ट्रेलर लॉन्च इवेंट के दौरान यह स्वीकार किया कि उन्होंने इस फिल्म में किसी और कलाकार से एक महत्वपूर्ण किरदार छीन लिया। इस खुलासे से फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मच गई है, क्योंकि यह आरोप लंबे समय से कास्टिंग डायरेक्टर्स पर लगाए जा रहे हैं। इस बयान ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कास्टिंग डायरेक्टर्स वास्तव में अपनी सिफारिशों और संपर्कों के आधार पर फैसले लेते हैं, या फिर यह एक बड़ी समस्या है जिसे ठीक करने की जरूरत है।

फिल्म 'वेदा' का ट्रेलर लॉन्च और अभिषेक का खुलासा

फिल्म वेदा के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर अभिषेक बनर्जी ने अपने किरदार की सराहना करते हुए एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि फिल्म के एक महत्वपूर्ण किरदार को पहले किसी और अभिनेता को दिया गया था, लेकिन उन्होंने अंतिम समय में हस्तक्षेप करके वह रोल अपने नाम कर लिया। अभिषेक ने इस दौरान कहा, “इस किरदार को पहले किसी और को सौंपा गया था, लेकिन मैंने बीच में आकर इसे ले लिया।” उनका यह बयान सुनकर वहां मौजूद सभी लोग चौंक गए और निर्देशक निखिल आडवाणी ने इस मुद्दे को तूल देने की कोशिश की। लेकिन अभिषेक ने उस कलाकार का नाम सार्वजनिक करने की धमकी दी, जिसके बाद आडवाणी चुप हो गए।

फिल्म ‘वेदा’ की कहानी और पात्र

फिल्म वेदा में अभिषेक बनर्जी ने एक राजस्थानी दबंग का किरदार निभाया है जो जातिगत भेदभाव के कारण फिल्म की मुख्य पात्र ‘वेदा’ के खिलाफ हो जाता है। शरवरी वाघ ने वेदा का किरदार निभाया है, और जॉन अब्राहम ने मेजर अभिमन्यु कंवर का रोल अदा किया है, जो वेदा को प्रशिक्षित करते हैं। इसके अलावा, फिल्म में आशीष विद्यार्थी, कुमुद मिश्रा और राजेंद्र चावला भी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे। नए कलाकार क्षितिज चौहान की इस फिल्म में भूमिका को लेकर भी काफी तारीफ हो रही है। फिल्म में तमन्ना भाटिया और मौनी रॉय की भी खास भूमिकाएं हैं, जो कहानी को और भी दिलचस्प बनाती हैं।

कास्टिंग डायरेक्टर्स की भूमिका और अभिषेक की कास्टिंग एजेंसी

अभिषेक बनर्जी और उनके दोस्त अनमोल मुंबई के अंधेरी पश्चिम स्थित आराम नगर 2 में Casting Bay नाम की कास्टिंग एजेंसी चलाते हैं। यहां नए कलाकारों के लिए प्रवेश पाना आसान नहीं होता और एजेंसी के बाहर लगे नोटिस इस बात की पुष्टि करते हैं कि नए कलाकारों को चुनना कठिन है। अभिषेक और अनमोल ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान नाटकों में काम करके की थी और बाद में कास्टिंग डायरेक्टर गौतम किशनचंदानी के सहायक के रूप में कार्य किया।

कास्टिंग प्रोसेस में पारदर्शिता की कमी

अभिषेक का यह खुलासा कास्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। लंबे समय से यह आरोप लगते आए हैं कि कास्टिंग डायरेक्टर्स अपनी सिफारिश के लोगों को ही मौके देते हैं और प्रतिभाशाली कलाकारों को सही अवसर नहीं मिल पाते। अभिषेक का बयान इस मुद्दे को और भी गंभीरता से देखने की आवश्यकता को दर्शाता है। क्या वाकई कास्टिंग डायरेक्टर्स के फैसले उनके व्यक्तिगत पसंद और संपर्कों पर आधारित होते हैं? या फिर यह एक व्यापक समस्या है जिसे सुधारने की जरूरत है?

कास्टिंग डायरेक्टर्स के प्रभाव और चुनौतियां

मुंबई फिल्म उद्योग में कास्टिंग डायरेक्टर्स का प्रभाव बहुत बड़ा होता है। वे उन कलाकारों को अवसर देते हैं जिनके पास पहले से ही संपर्क या सिफारिश होती है, जबकि कई प्रतिभाशाली कलाकार इस प्रक्रिया से बाहर रह जाते हैं। यह समस्या उन कलाकारों के लिए और भी बढ़ जाती है जो नए हैं और उद्योग में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अभिषेक बनर्जी का खुलासा इस बात को उजागर करता है कि कास्टिंग प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है, ताकि सभी प्रतिभाशाली कलाकारों को समान अवसर मिल सकें।

भविष्य की दिशा और संभावनाएं

अभिषेक बनर्जी का खुलासा कास्टिंग प्रक्रिया के सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इस खुलासे के बाद उम्मीद की जा रही है कि फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग के तरीके पर सवाल उठाए जाएंगे और पारदर्शिता की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इससे नए कलाकारों को अधिक अवसर मिल सकते हैं और उद्योग में समानता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिल सकता है।

अभिषेक का खुलासा न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव को साझा करता है, बल्कि यह पूरे फिल्म उद्योग में कास्टिंग प्रक्रिया पर प्रकाश डालता है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस खुलासे के बाद कास्टिंग डायरेक्टर्स और फिल्म निर्माताओं के बीच की पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे सभी प्रतिभाशाली कलाकारों को सही अवसर मिल सकें।

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