बॉलीवुड में हर साल सैकड़ों फिल्में बनती हैं, लेकिन कुछ ऐसी बेहतरीन फिल्में भी होती हैं, जो दर्शकों की नजरों से बच जाती हैं और उन्हें अंडररेटेड फिल्मों की लिस्ट में डाल दिया जाता है। ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर भले ही खास प्रदर्शन न कर पाई हों, लेकिन इनकी कहानी और अभिनय की गहराई इन्हें खास बनाती है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में, जिन्हें देखने के बाद आप बॉलीवुड की इस कला के कायल हो जाएंगे।
1. बारह आना (2009)
2009 में आई फिल्म बारह आना, ब्लैक कॉमेडी और ड्रामा का एक अद्भुत मिश्रण है। राजा मेनन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, विजय राज और अर्जुन माथुर जैसे बेहतरीन अभिनेताओं ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गरीबी और संघर्ष की जिंदगी जी रहे होते हैं। यह फिल्म साधारण जिंदगी की कठिनाइयों और ह्यूमर के बीच एक तालमेल बिठाती है।
2. मेरठिया गैंगस्टर्स (2015)
यह एक क्राइम ड्रामा फिल्म है, जिसमें डार्क ह्यूमर का जबरदस्त उपयोग किया गया है। छोटे शहर मेरठ में गैंगस्टर लाइफ की रियलिस्टिक कहानी को इस फिल्म में बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। मेरठिया गैंगस्टर्स उन लोगों के लिए है, जिन्हें ग्रिट्टी और हार्ड-हिटिंग क्राइम स्टोरीज पसंद हैं। फिल्म में एक्शन, ह्यूमर और स्ट्रगल को बखूबी पेश किया गया है, जो इसे अंडररेटेड फिल्म की श्रेणी में डालता है।
3. वन्स अगेन (2018)
वन्स अगेन एक इंडियन रोमांटिक ड्रामा फिल्म है, जिसमें शेफाली शाह और नीरज काबी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म जर्मन भाषा में बनी थी और बाद में हिंदी और अंग्रेजी में डब की गई। फिल्म की कहानी बहुत ही दिलचस्प और इमोशनल है, जो पुराने जमाने के रोमांस को खूबसूरत अंदाज में पेश करती है। इसमें रिश्तों की जटिलताएं और जीवन के छोटे-छोटे पलों का आनंद लेने की कहानी दिखाई गई है।
4. दसविदानिया (2008)
विनय पाठक द्वारा अभिनीत और निर्देशित फिल्म दसविदानिया, एक आदमी की जिंदगी की आखिरी इच्छाओं को पूरा करने की कहानी है। यह फिल्म 2008 में आई और इसे एक कॉमेडी-ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया गया। फिल्म की खासियत यह है कि इसमें भावनाओं का एक अद्भुत तालमेल देखने को मिलता है। विनय पाठक ने इसमें एक आम आदमी की भूमिका निभाई है, जो मौत से पहले अपनी दस इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करता है।
5. ये साली जिंदगी (2011)
ये साली जिंदगी एक थ्रिलर ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन सुधीर मिश्रा ने किया है। इस फिल्म में इरफान खान, चित्रांगदा सिंह, अरुणोदय सिंह और अदिति राव हैदरी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी प्रेम, अपराध और संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म की स्क्रिप्ट और पात्रों की गहराई इसे एक अनोखा टच देती है। इसकी कहानी और पात्र आपको आखिरी तक बांधे रखते हैं।
6. सुलेमानी कीड़ा (2014)
यह फिल्म कॉमेडी और ड्रामा का एक बेहतरीन मिश्रण है, जिसमें दो स्ट्रगलिंग राइटर्स की कहानी दिखाई गई है, जो बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सुलेमानी कीड़ा को अमित वी मसुरकर ने निर्देशित किया है। फिल्म में हल्की-फुल्की कॉमेडी और मजाकिया संवाद हैं, जो आपको हंसने पर मजबूर कर देंगे। फिल्म की खास बात इसकी सादगी और किरदारों का यथार्थवाद है।
7. उड़ान (2010)
विक्रमादित्य मोटवानी द्वारा निर्देशित उड़ान एक ऐसी फिल्म है, जो पिता और बेटे के बीच के रिश्ते की गहराई को छूती है। फिल्म की कहानी एक युवा लड़के की है, जो अपने सपनों को पाने के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन उसका पिता उसके खिलाफ खड़ा है। यह फिल्म उन लोगों के लिए है, जो रिश्तों की जटिलताओं और सपनों के संघर्ष को महसूस करना चाहते हैं। इस फिल्म को फिल्मफेयर में कई अवॉर्ड्स मिले थे और यह रिलीज के बाद एक बड़ी हिट बनी थी।
अंडररेटेड फिल्मों का महत्व
अंडररेटेड फिल्मों का महत्व इस बात में छिपा है कि ये फिल्में आपको एक अलग दृष्टिकोण से दुनिया को देखने का मौका देती हैं। इन फिल्मों में आपको वह गहराई और सत्यता मिलती है, जो अक्सर मेनस्ट्रीम फिल्मों में नहीं दिखती। चाहे वह बारह आना की गरीबी की कहानी हो या उड़ान में सपनों और रिश्तों का संघर्ष, इन फिल्मों की कहानियां दिल को छू लेने वाली होती हैं।
बॉलीवुड की इन अंडररेटेड फिल्मों ने न केवल बेहतरीन एक्टिंग और निर्देशन से दर्शकों का दिल जीता है, बल्कि उनकी अनूठी कहानियां उन्हें और खास बनाती हैं। ये फिल्में हर सिनेप्रेमी के लिए एक विशेष अनुभव होती हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देती हैं। चाहे आपने इन्हें पहले न देखा हो, लेकिन अब इन्हें देखने का वक्त आ गया है।