14 Aug 2024
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दीपावली के बाद दिल्ली-एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण, गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर

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स्वतंत्र शोध संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लिन एयर (सीआरईए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दीपावली के बाद देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली सहित एनसीआर के तीन शहर शामिल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, दीपावली की अगली सुबह यानी 1 नवंबर को गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर सबसे अधिक था, जिससे गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर बन गया। दिल्ली और मेरठ भी इस सूची में क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर रहे।

दीपावली से पहले और बाद में वायु गुणवत्ता की स्थिति

रिपोर्ट के अनुसार, दीपावली से एक दिन पहले, यानी 30 अक्टूबर को देश के 269 शहरों में से 165 शहरों का पीएम 2.5 स्तर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) के अनुसार था। जबकि बाकी 104 शहरों में यह स्तर मानक से अधिक था। दीपावली के दिन यह आंकड़ा बढ़कर 142 शहरों तक पहुंच गया, जहां पीएम 2.5 का स्तर मानक से अधिक था। वहीं, दीपावली के बाद अगली सुबह 159 शहरों में पीएम 2.5 का स्तर मानक से ऊपर चला गया, जिससे प्रदूषण में बढ़ोतरी देखी गई।

दीपावली से पहले हवा की गुणवत्ता

दीपावली से पहले, देश के 51 शहरों में वायु गुणवत्ता अच्छी दर्ज की गई थी, जिनमें मुख्य रूप से राजस्थान और महाराष्ट्र के शहर शामिल थे। हालांकि, दीपावली के बाद यह संख्या घटकर केवल 26 शहरों तक सिमट गई। इस दौरान बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या आठ से बढ़कर 50 हो गई। घनी आबादी वाले शहरों में प्रदूषण का स्तर अधिक था, जिससे वहां की हवा जहरीली हो गई।

दस सबसे प्रदूषित शहर

सीआरईए की रिपोर्ट के अनुसार, दीपावली से पहले 30 अक्टूबर, दीपावली के दिन 31 अक्टूबर, और दीपावली के बाद 1 नवंबर को पीएम 2.5 का स्तर (माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर) इस प्रकार था:


शहर 30 अक्टूबर 31 अक्टूबर 1 नवंबर

गाजियाबाद 122 165 261

बीकानेर 101 172 237

दिल्ली 161 201 219

मेरठ 71 116 204

ग्वालियर 57 85 202

अमृतसर 68 129 199

कुरुक्षेत्र 93 180 187

मुरादाबाद 65 93 185

हाजीपुर 116 161 183

अंबाला 114 152 181

 

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी काफी खराब रहा। दीपावली के अगले दिन एयर इंडेक्स में थोड़ी गिरावट देखी गई थी, लेकिन शाम के समय एयर इंडेक्स फिर से बढ़ने लगा। शाम 4 बजे दिल्ली का एयर इंडेक्स 316 पर पहुंच गया था, जो पिछले दिन के मुकाबले थोड़ा कम था। लेकिन रात होते-होते यह बढ़कर 350 हो गया। दिल्ली के आनंद विहार और सोनिया विहार इलाकों में यह स्थिति और भी गंभीर थी, जहां रात 8 बजे एयर इंडेक्स क्रमशः 411 और 402 पर पहुंच गया था, जो खतरनाक स्तर पर है।

प्रदूषण का कारण और इसके प्रभाव

दीपावली के दौरान की गई आतिशबाजी और पटाखों की वजह से हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। पटाखों से निकलने वाला धुआं हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे छोटे कणों को मिलाता है, जो सांस लेने में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रदूषित हवा फेफड़ों, दिल और श्वसन तंत्र पर बुरा असर डालती है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति अधिक खतरनाक होती है।

समाधान के उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को दीपावली जैसे त्यौहारों पर पटाखों के इस्तेमाल को कम से कम करना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सख्त नियमों और जनता को जागरूक करने के कार्यक्रमों से इस समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। पर्यावरणविद् यह भी सुझाव देते हैं कि बड़े शहरों में ज्यादा पेड़ लगाने और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर भी प्रदूषण कम किया जा सकता है।

दीपावली के बाद देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। गाजियाबाद, दिल्ली और मेरठ जैसे एनसीआर के शहरों में यह स्थिति और भी गंभीर है। पटाखों के अधिक इस्तेमाल के कारण हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे हवा का गुणवत्ता स्तर बेहद खराब हो जाता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि लोग जागरूक हों और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाए रखने में सहयोग करें।

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