आप भी गोद ले सकते हैं हरिद्वार में गंगा घाट, ‘ऑन माय घाट’ की हुई शुरुआत..

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ganga ghat
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उत्तराखंड के हरिद्वार में लोग देश-विदेश से गंगा स्नान करने आते हैं. हरिद्वार में हर की पौड़ी समेत दर्जनों गंगाघाट हैं, जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं. वक्त के साथ हरिद्वार में गंगा किनारे कई घाट बन गए हैं. गंगा स्नान के अवसर पर हर की पौड़ी क्षेत्र में भीड़ का दबाव बढ़ने के बाद गंगा किनारे बने इन घाटों पर श्रद्धालु स्नान करते हैं. घाटों की नियमित रूप से साफ-सफाई होती रहे, यह बड़ी जिम्मेदारी है. गंगा घाटों की नियमित रूप से साफ-सफाई के लिए जिला प्रशासन ने कुछ घाटों को निजी हाथों में सौंप दिया है.

हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं

दरअसल हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि धर्मनगरी में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. हर साल यहां कई गंगा स्नान होते हैं जिसके लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा और घाटों की नियमित साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन ने कुछ गंगा घाटों की सफाई का जिम्मा निजी संस्था को सौंपा है.सीडीओ प्रतीक जैन ने कहा कि नगर निगम के माध्यम से ‘ऑन माय घाट’ योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें धार्मिक संस्थानों, समाजसेवियों, स्वयंसेवी संगठनों और अन्य गैर लाभकारी संगठनों को हरिद्वार के गंगा घाटों को गोद लेने के लिए मैसेज दिया गया था. सभी स्वयं सेवी संस्थान हरिद्वार के घाटों को गोद ले सकते हैं. इसके लिए निगम कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा करने से गोद लिए घाटों का रख-रखाव और घाटों की साफ-सफाई नियमित रूप से होती रहेगी. नगर निगम के द्वारा हरिद्वार के गंगा घाटों को बेहतर और सुंदर बनाने के लिए ‘ऑन माय घाट’ योजना शुरू की गई है.

फ़िलहाल सीडीओ बताते हैं कि कुछ घाटों को स्वयं सेवी संस्थानों और संगठनों ने एग्रीमेंट साइन कर गोद लिया है. जिन घाटों को गोद लिया गया है, उनकी साफ-सफाई और स्वच्छता की पूरी जिम्मेदारी उस संस्थान की होगी, जिसने उन्हें गोद लिया है. नगर निगम और संस्थानों में समन्वय स्थापित कर सभी गंगा घाटों को बेहतर किया जाएगा, जिससे स्थानीय और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को साफ-सुथरे वातावरण का अहसास हो सके.