विश्व युवा मुक्केबाजी में भारत ने रचा इतिहास, सात महिला मुक्केबाजों ने जड़ा गोल्डन पंच

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भारतीय मुक्केबाजों ने एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी में सोने की झड़ी लगा दी है। पोलैंड के किल्से में चल रही प्रतियोगिता में भारत की सात महिला मुक्केबाज फाइनल में उतरीं और सभी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह भारत का अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है इससे पहले 2017 गुवाहाटी में भारत ने पांच स्वर्ण पदक जीते थे। 

2019 की एशियाई यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा भारवर्ग) ने पोलैंड के किल्से में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत हासिल कर स्वर्णिम पंच जड़ा। इसके अलावा गीतिका (48 किग्रा), पूनम (57 किग्रा), विंका (60 किग्रा), अरुंधति चौधरी (69), थोकचोम सनामाचा चानू (75 किग्रा) और अल्फिया पठान (81 किग्रा) भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। 

मणिपुर की चानू ने शुरू से ही आक्रामक तेवर दिखाए जिसकी बदौलत फैसला 5-0 से उनके पक्ष में रहा। उन्होंने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को शिकस्त दी। गीतिका ने फाइनल में पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से मात दी। पूनम ने अपने अजेय रहने के अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए फाइनल में फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी को 5-0 से करारी शिकस्त दी।  विंका ने फाइनल में कजाकिस्तान की झूलडीज श्याखेतोवा को मात दी। पांच जजों ने सर्वसम्मति से विंका को विजेता घोषित किया। राजस्थान की अरुंधति ने पोलैंड की बारबरा को 5-0 से मात दी। इंफाल में मैरीकॉम की अकादमी में ट्रेनिंग करने वालीं सनामाचा चानू ने कजाकिस्तान की दाना दिदाय को 5-0 से हराया। अल्फिया पठान ने मोल्दोवा की डारिया कोजोरव को 5-0 से शिकस्त दी।