यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को आरक्षण निर्धारण का फॉर्मूला व कार्यक्रम जारी हो सकता है जिसका आधार पर वर्ष 2015 होगा। इसके साथ ही पंचायतीराज विभाग सभी जिलाधिकारियों को आरक्षण तय करने का शेड्यूल भी जारी करेगा। हाईकोर्ट ने 27 मार्च तक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
वहीं, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पंचायतों में आरक्षण व चुनाव कराने से संबंधित प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने इसके लिए यूपी पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) बारहवां संशोधन नियमावली, 2021 को मंजूरी दे दी है। अब सरकार वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर पंचायतों के चक्रानुक्रम आरक्षण संबंधी आदेश जारी कर सकेगी। इससे संबंधित शासनादेश जल्द जारी किए जाने की संभावना है। मंगलवार को हुई पहली ई-कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
पंचायतीराज विभाग ने 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम को लागू करते हुए उन पंचायतों को उस श्रेणी में आरक्षित करने के निर्देश दिए थे जो अभी तक आरक्षित नहीं हुई थीं। यह आरक्षण वर्ष 1995 से 2015 तक के चुनावों में हुए आरक्षण व आवंटन को संज्ञान में लेते हुए किया जा रहा था।
हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए 2015 के पंचायत चुनाव के संदर्भ में 16 सितंबर, 2015 को जारी आदेश के अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कैबिनेट ने कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन के लिए पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) बारहवां संशोधन नियमावली को मंजूरी दे दी है। इससे त्रिस्तरीय सभी पंचायतों में आरक्षण की कार्यवाही चक्रानुक्रम में की जा सकेगी।
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