अमेरिका में नौकरी का सपना देखने वाले भारतीयों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार झटके दे रहे हैं. अब H-1B वीज़ा को लेकर ट्रंप ने एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत अमेरिका की फेडरल एजेंसीज़ एच-1बी वीज़ा पर हायरिंग नहीं कर सकेंगी. ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी फेडरल एजेंसियां विदेशी- खासकर एच-1बी वीज़ा पर अमेरिका आने वाले- कामगारों को कॉन्ट्रैक्ट या सबकॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी पर नहीं रख सकतीं.।
ट्रंप ने वाइट हाउस के अपने ओवल ऑफिस में इस आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले मीडिया के सामने कहा, ‘आज मैं एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत कर रहा हूं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि फेडरल सरकार एक आसान नियम पर चलेगी- अमेरिकी नागरिक सबसे ऊपर. ‘
ट्रंप ने अपना यह फैसला उस फैसले के एक महीने के बाद सुनाया है, जिसमें 23 जून को एच-1बी वीज़ा सहित दूसरे कई फॉरेन वर्क वीज़ा को दिसंबर, 2020 तक निलंबित कर दिया है. यह आदेश 24 जून से प्रभावी हो चुका है. ट्रंप के इस फैसले को नवंबर में होने वाले चुनावों से जोड़कर देखा गया है.
एच-1बी वीज़ा की भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के बीच सबसे ज्यादा मांग रहती है. एच-1बी वीज़ा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जिसके तहत कंपनियां थ्योरेटिकल या फिर टेक्निकल स्किल रखने वाले विदेशी प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रख सकती हैं. इस वीज़ा के तहत हर साल अमेरिकी कंपनियां हजारों भारतीयों को नौकरियां देती हैं.
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