पश्चिम बंगाल में अगले साल यानि 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में बगावत का दौर शुरू हो गया है। शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है और पिछले कुछ महीनों में पार्टी से दूरी बना ली है। शुभेंदु अधिकारी विधानसभा में अपना इस्तीफा सौंपने के लिए पहुंचे थे लेकिन स्पीकर की गैरमौजूदगी में उन्होंने सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बता दें कि, शुभेंदु अधिकारी पहले ही राज्य में परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।
भाजपा में हो सकते हैं शामिल
शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद बीजेपी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि जिस दिन सुवेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, मैंने बताया था कि अगर वह टीएमसी छोड़ देंगे और हम उनका स्वागत करेंगे तो मुझे खुशी होगी। आज उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं।
उधर, शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के अकेले नेता नहीं हैं जिन्होंने बागी तेवर अपनाए हैं। पार्टी के ही एक और विधायक ने भी ऐसे संकेत दिखाने शुरू कर दिए हैं। आसनसोल से विधायक और शहर के मेयर रह चुके जितेंद्र तिवारी ने राज्य की ममता सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा जितेंद्र तिवारी ने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक के लिए मना कर दिया है। उन्होंने कहा कहा है कि वो सिर्फ ममता बनर्जी से ही बात करेंगे। जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया है कि महज राजनीति के चलते राज्य सरकार आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल नहीं करने दे रही है।