अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में घुसे बंदूकधारी तालिबानी – पूर्व क्रिकेटर भी दिखा साथ में

आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद से ही इस देश के भविष्य को लेकर चिंताएं और आशंकाएं जारी हैं. राजधानी काबुल (Kabul) में तालिबानी लड़ाकों के घुसने के बाद से ही कई अफगानी नागरिक देश छोड़ने की कोशिशों में लगे हुए हैं. आम जनता का जीवन आने वाले वक्त में कैसा होगा ये चिंता तो हर किसी को है, लेकिन साथ ही एक सवाल वहां के खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर भी है. खास तौर पर क्रिकेट टीम, जिसने कम समयम में बेहतर प्रदर्शन से दुनियाभर में नाम कमाया है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी भले ही दावा कर चुके हैं, कि तालिबान क्रिकेट गतिविधियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा, लेकिन एक ताजा फोटो ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और देश में क्रिकेट के फलने-फूलने पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं.

अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) के पूर्व मीडिया मैनेजर और पत्रकार इब्राहिम मोमंद ने एक फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की, जिसे देखकर किसी भी क्रिकेट प्रेमी के जहन में खौफ भर जाए. इब्राहिम ने बंदूकधारी कई तालिबानी आतंकियों की एक तस्वीर पोस्ट की है, जो एक हॉल में बैठे हैं. इब्राहिम ने इसके साथ दावा किया है कि तालिबानी लड़ाके अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुख्यालय में बैठे हैं और उनके साथ अफगानिस्तानी टीम के पूर्व गेंदबाज अब्दुल्लाह मजारी भी हैं. मजारी ने अफगानिस्तान के लिए 2 वनडे मैच खेले थे.

तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और हाल ही में दावा किया था कि वह किसी भी तरह की शैक्षणिक, सांस्कृतिक या खेल-कूद जैसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाएंगे, लेकिन इस तस्वीर ने ऐसे दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं और आशंका जताई जाने लगी है कि अफगान क्रिकेट पर भी तालिबान की हुकूमत होगी और वह ही देश के क्रिकेट का भविष्य भी तय करेगा. देश के हालात पर पहले ही राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे देश के शीर्ष क्रिकेटर चिंता जाहिर कर चुके हैं.

‘तालिबान ने नहीं दिया क्रिकेट में दखल’
हालांकि, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शिनवारी ने हाल ही में दावा किया था कि तालिबान के आने से हुए बदलाव से क्रिकेट को नुकसान नहीं होगा क्योंकि तालिबान इस खेल को ‘पसंद’ करता है और इसका समर्थन करता है. शिनवारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था, “तालिबान क्रिकेट को प्यार करता है. शुरुआत से ही उन्होंने हमारा समर्थन किया है. वे हमारी गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करते. मुझे कोई हस्तक्षेप नजर नहीं आता और समर्थन की उम्मीद है जिससे कि हमारा क्रिकेट आगे बढ़ सके. हमारे अध्यक्ष सक्रिय हैं और अगले नोटिस तक मैं सीईओ रहूंगा. यह कहा जा सकता है कि तालिबान के युग में क्रिकेट का प्रसार हुआ. यह भी तथ्य है कि हमारे कई खिलाड़ी पेशावर में अभ्यास करते थे और उन्होंने इस खेल को अफगानिस्तान में मुख्यधारा से जोड़ा.”

Ekta Singh

Ekta Singh covers Political, Entertainment and Sports News. She believes that it is a writer’s responsibility to make sure that the readers get valuable news and hence it is imperative that the words should be written in a manner that it should be easily understood by all.

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