स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- BJP में पिछड़ा का चेहरा दिखावटी…अंदर कुछ और हैं..

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर सवाल उठाया तो विवाद खड़ा हो गया यह विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है विरोध दल के नेताओं साधु संतों द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले किए जा रहे हैं तो वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी अपने बयान पर कायम दिख रहे हैं।

समस्त महिलाएं किसी भी वर्ग समाज के हो

दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि हमें रामचरितमानस से कोई आपत्ति नहीं चौपाई के अंश से जिससे देश की महिलाओं का अपमान हो रहा है शोध समाज में सभी जातियों का अपमान हो रहा है भेदभाव उनके साथ किया जा रहा है उसको हटा दिया जाए स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि स्वाभाविक रूप से देश के समस्त महिलाएं आदिवासी दलित और पिछड़े जिस अंशु से अपमानित हो रहे हैं जिसका उल्लेख में पूर्व में कर चुका हूं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जिन जातियों को उल्लेखित किया गया है और नीचे कहा गया है समस्त शुद्ध यानी इसमें सभी आदिवासी दलित पिछड़े आते हैं समस्त महिलाएं किसी भी वर्ग समाज के हो सब है यहां मार खाने पिटाई के पात्र हैं धर्म मानव कल्याण के लिए होता है और मानवता के लिए होता है किसी भी धर्म को किस वर्ण किसी भी वर्ग किसी भी जाति किसी भी समाज को अपमानित करने का हक नहीं है गाली धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता।

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फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा बीजेपी का फोकस भी ओबीसी पॉलिटिक्स पर है प्रधानमंत्री खुद भी उसी समाज से हैं आप भी अब खुलकर कोशिश में लगे हैं लुभाने कि ऐसे क्यों इस सवाल पर उन्होंने कहा कि एक बार किसी ने कहावत कह दी थी कहां राजा भोज कहां गंगू तेली तो प्रधानमंत्री जी को बहुत बुरा लगा था लेकिन सही मायने में वह चलावा दिखावा था अगर माननीय प्रधानमंत्री सही मायने में अपने को पिछड़ा मानते तो उसमें पिछड़े और दलित के चेहरे दिखाई पड़ते उसमें एक भी पिछड़ा दलित का चेहरा नहीं है इसका मतलब है पिछड़ा का चेहरा दिखावटी है अंदर कुछ और है।

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