सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र समेत चार राज्यों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को समय पर वेतन ना देने पर कड़ा रुख अपनाया

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कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा, सुविधा और वेतन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्य सरकारों को फटकार लगाई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को समय पर वेतन ना देने पर कड़ा रुख अपनाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों के क्वारनटीन अवधि को छुट्टी के तौर माने जाने के मामले में भी सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि इस पर केंद्र स्पष्ट जानकारी दे. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की इस तरह छुट्टी घोषित कर सैलरी नहीं काटी जा सकती है. कोर्ट ने केंद्र को कहा कि वो सुनिश्चित करे कि सभी को उनका वेतन समय पर मिले.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि त्रिपुरा, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को सेवाएं देने के बाद सही समय पर छुट्टी दी जाए. साथ ही वेतन और भत्ते सही समय पर दिए जाएं. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें केंद्र के दिशानिर्देश का अनुपालन करें. केंद्र इस मामले में असहाय नहीं है वो कार्रवाई कर सकता है.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि क्वारनटीन पीरियड छुट्टी नहीं है. यह पहले से स्पष्ट है. अब इस मामले में अगली सुनवाई दस अगस्त को तय हुई है. गौरतलब है कि कई राज्यों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा है, जिस पर सुनवाई हो रही है.

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