मालाबार नौसैनिक अभ्यास (Naval Malabar Exercise) का दूसरा चार दिवसीय चरण मंगलवार से उत्तरी अरब सागर में शुरू हो रहा है। इसमें भारतीय विमान वाहक युद्धपोत विक्रमादित्य और अमेरिकी विमान वाहक पोत निमित्ज के अलावा आस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाओं के अग्रिम पंक्ति के कई युद्धपोत भी हिस्सा लेंगे।
पहले चरण का मालाबार नौसैनिक अभ्यास तीन से छह नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में चला था। इसमें पनडुब्बीरोधी और हवाई युद्ध रोधी जटिल अभ्यास किए गए थे। नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि यह अभ्यास चार जीवंत लोकतंत्रों की नौसैनिक मामलों में विचारों की बढ़ती एकरूपता को दर्शाता है। साथ ही खुले व समावेशी हिंद-प्रशांत और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए उनकी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है।
एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के परमाणु शक्ति संपन्न विमान वाहक युद्धपोत निमित्ज की हिस्सेदारी से अभ्यास से पड़ने वाले असर में भी इजाफा होगा। मालूम हो कि निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत है। पिछले महीने भारत ने घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया भी इस अभ्यास में शामिल होगा। इससे पहले तक भारत, अमेरिका और जापान ही इसमें हिस्सा लेते थे।
इन अभ्यासों में विक्रमादित्य F-18 के MIG 29K लड़ाकू विमानों (Vikramaditya F-18 fighters) द्वारा क्रॉस-डेक फ्लाइंग संचालन और उन्नत वायु रक्षा अभ्यास भी शामिल हैं। निमित्ज से सेनानियों और E2C हॉकआई ( E2C Hawkeye) इसके अलावा, उन्नत सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास, सीमांसशिप के विकास और हथियार फेरिंग भी चार मित्र राष्ट्रों के बीच अंतर-संचालन और तालमेल को बढ़ाने के लिए किए जाएंगे।