शिवसेना के नेता संजय राउत और एनसीपी लीडर एकनाथ खडसे के फोन टैप किए गए थे। उन्हें असामाजिक तत्व मानते हुए उनके फोन की टैपिंग कराई गई थी। मुंबई पुलिस ने अपनी जांच में यह दावा किया है। पुलिस ने कहा कि स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने कुछ और लोगों के नाम असामाजिक तत्वों की लिस्ट में डाल दिए थे। पुलिस ने कहा कि यह लिस्ट गृह विभाग को भेजी गई थी और उसके बाद फोन टैपिंग की मंजूरी दी गई थी। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में यह टैपिंग होने का दावा मुंबई पुलिस की जांच में किया गया है।
पुलिस ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद एनसीपी के नेता एकनाथ खडसे का फोन 67 दिनों तक टैप किया गया था। इसके अलावा राज्यसभा सांसद संजय राउत के फोन की टैपिंग 60 दिनों तक की गई थी। आरोप है कि संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन की टैपिंग तब हुई, जब रश्मि शुक्ला विभाग की हेड थीं। पिछले दिनों उनके खिलाफ इसे लेकर केस भी दर्ज किया गया था। एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस राजीव जैन की शिकायत के आधार पर रश्मि शुक्ला पर केस दर्ज किया गया था। रश्चिम शुक्ला के खिलाफ सेक्शन 165 और आईपीसी के सेक्शन 26 के तहत केस दर्ज किया गया था।
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