राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से खत्म करने की बात कही हैं उन्होंने कहा ऐसी अवधारणाओं का पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। इनकी अभ कोई प्रासंगिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक भेदभाव पूरी तरह खत्म होना चाहिए।
नागपुर में पुस्तक विमोचन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ने कहा, सामाजिक समानता भारतीय परंपरा का एक हिस्सा थी, लेकिन इसे भुला दिया गया। इसलिए इसके हानिकारक परिणाम हुए। उन्होंने कहा कि जाति अतीत है, इसे भूल जाओ। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि गलतियों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अगर आपको लगता है कि हमारे पूर्वजों ने गलतियां की हैं, तो वे हीन हो जाएंगे पर ऐसा नहीं है। सभी के पूर्वजों ने गलतियां की हैं।