कोरोना संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं. इस बार रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) से आए आंकड़े सुकून देने वाले हैं क्योंकि इसे सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने वाले सेक्टरों में माना जाता है. संकेत मिल रहे हैं कि अब रियल एस्टेट सेक्टर कोरोना वायरस के असर से धीरे-धीरे उबरने लगा है. जेएलएल रिसर्च के मुताबिक, जुलाई-सितंबर 2020 के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में इस सेक्टर की मांग में 38 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
जुलाई-सितंबर 2020 के दौरान नोएडा में सबसे ज्यादा 48 फीसदी बिक्री दर्ज की गई है, जो इस सेक्टर के सभी सेगमेंट में हुई है. इसके बाद गाजियाबाद में 31 फीसदी और गुरुग्राम में 20 फीसदी बिक्री हुई है. चालू वर्ष की दूसरी तिमाही यानि अप्रैल-जून 2020 में नई यूनिट्स की लॉन्चिंग ना के बराबर रही है. वहीं, जुलाई-सितंबर तिमाही में 699 नई यूनिट्स लांच की गई हैं. रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली एनसीआर में 2,250 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो जुलाई-सितंबर में 38 फीसदी बढ़कर 3,112 यूनिट्स पहुंच गई. रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सिंतबर 2020 के दौरान ग्राहकों ने बड़े डेवलपर्स के रेडी टू मूव प्रोजेक्ट्स में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई.
महंगे और लग्जरी प्रोजेक्ट्स की तुलना में घर खरीदारों ने कम कीमत वाले घरों को खरीदने में ज्यादा रुचि दिखाई. लोगों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड व द्वारका एक्सप्रेसवे में अपना आशियाना लेना ज्यादा पसंद किया. अप्रैल-सितंबर के दौरान गुरुग्राम में डेवलपर्स फ्लोर की मांग सबसे ज्यादा देखी गई. कोरोना काल में रियल एस्टेट डेवपलर्स ने गुरुग्राम में 2 और नोएडा में एक प्रोजेक्ट लांच किए. नोएडा में लांच किए गए प्रोजेक्ट के जरिये मिड सेगमेंट वाले ग्राहकों को आकर्षित किया गया. रियल एस्टेट सेक्टर में अप्रैल-जून तिमाही के मुकाबले जुलाई-सितंबर 2020 के दौरान 34 फीसदी ज्यादा बिक्री हुई. बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे को शोध में शामिल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून 2020 में कुल 10,753 यूनिट्स बिके थे, जो जुलाई-सितंबर 2020 में बढ़कर 14,415 यूनिट्स हो गए.