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RBL बैंक के शेयर में आई 20 फीसदी की भारी गिरावट, जानें क्या है कारण ?

RBL बैंक इस समय चर्चा में है. बैंक के साथ दो बड़ी घटना हुई है. पहली घटना ये है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बोर्ड में अपना एक आदमी शामिल किया है. RBI ने योगेश के दयाल को बैंक के बोर्ड में एडिशनल डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है. वहीं बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ विश्ववीर आहूजा ने डेडलाइन से छह महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इन दो घटनाओं के कारण इस बैंक के शेयर में 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई.

अब यहां सवाल उठता है कि अगर आपका RBL Bank में अकाउंट है तो आपको क्या करना चाहिए? क्या यह आपके लिए खतरे की घंटी है या फिर इन घटनाओं का बैंक के डिपॉजिटर्स पर कोई असर नहीं होगा. अगर आपने इस बैंक के शेयर में निवेश किया है तो आपके लिए ब्रोकरेज की क्या सलाह है? आइए निवेशक और डिपॉजिटर्स के मन में उठ रहे सवालों का जवाब जानते हैं.

लीडरशिप में बदलाव की तैयारी चल रही है

बैंक के कार्यकारी सीईओ और एमडी राजीव आहूजा ने सीएनबीसी टीवी18 से खास बातचीत में कहा कि निवेशकों और डिपॉजिटर्स को घबराने की जरूरत नहीं है. पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर विश्ववीर आहूजा ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दिया, ठीक उसी दिन RBI ने अपने आदमी को एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया. ऐसे में निवेशक घबराए हुए हैं. सीएनबीसी ने रिजर्व बैंक सूत्र के हवाले से कहा कि बैंक के लीडरशिप में बदलाव की तैयारी चल रही है. राजीव आहूजा ने भी कहा कि अगले 4-5 महीने में बैंक नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ को ढूंढ़ लिया जाएगा.

छह महीने पहले विश्ववीर आहूजा ने अचानक दिया इस्तीफा

विश्ववीर आहूजा की विदाई और RBI मेंबर की नियुक्ति को लेकर कहा जा रहा है कि विश्ववीर को जून 2022 तक एक साल का एक्सटेंशन इसलिए दिया गया था ताकि बैंक का नया सीईओ खोज लिया जाए. RBI ने योगेश के दयाल को एडिशनल डायरेक्टर इसलिए नियुक्त किया है जिससे बैंक के मैनेजमेंट ट्रांजिशन का काम जल्द पूरा हो सके.

बैंक के पास 15 हजार करोड़ का सरप्लस कैपिटल

राजीव आहूजा ने यह भी कहा कि बैंक का फाइनेंशियल पूरी तरह ठीक और तंदरुस्त है. हमारे पास करीब 15 हजार करोड़ का सरप्लस कैपिटल है. ऐसे में बैंक को और ज्यादा कैपिटल की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि बैंक मार्च 2022 तक अपने शुद्ध एनपीए को दो फीसदी के नीचे लेकर आएगा. कोरोना काल में इतन कम बैड लोन होना मजबूती को दिखाता है. मुझे पूरा उम्मीद है कि दिसंबर तिमाही का रिजल्ट बेहतर रहेगा.

बैंक के प्रदर्शन से RBI एक्शन का कोई संबंध नहीं

बातचीत के दौरान राजीव आहूजा ने बार-बार इस बात को नकारा कि बैंक के प्रदर्शन के कारण RBI ने अपने आदमी को बोर्ड में शामिल किया है. ऐसे में यह सवाल बना हुआ है कि क्या RBL Bank रेग्युलेटर्स के निर्देशों का ठीक से पालन नहीं कर रहा है. दूसरा महत्वपूर्ण सवाल ये भी बना हुआ है कि रिजर्व बैंक ने रिस्क मैनेजमेंट में कुछ खामियों को महसूस किया है. ऐसे में बैंक के उचित बर्ताव को नहीं देखने के कारण उसने योगेश दयाल को एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया है. दयाल के पास बैंकिंग सेक्टर का 25 सालों से ज्यादा का अनुभव है.

झुनझुनवाला और दमानी के संभावित निवेश पर जवाब नहीं मिला

एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला और राधाकिशन दमानी बैंक में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक से संपर्क किया है. आरबीआई फिलहाल उनके प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. हालांकि राजीव आहूजा ने इस तरह की किसी भी खबर का ना तो खंडन किया और ना ही उन्होंने इसे स्वीकार किया.

बैंक ने हर रिस्क को शेयर होल्डर्स के सामने रखा है

शेयर होल्डर्स के इंट्रेस्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर राजीव आहूजा ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने पारदर्शिता पर जोर दिया. बैंक ने हर तमाम जानकारियों को सामने रखा और हर तरह की चुनौतियों के बारे में शेयर होल्डर्स को खुलकर बताया गया है. ऐसे में बैंक की तरफ से अब तक जो कुछ जानकारी शेयर की गई है, वही सच्चाई है. कुल मिलाकर निवेशकों को उपलब्ध सूचना के आधार पर अपना फैसला लेना चाहिए. बैंक की तरफ से किसी तरह के रिस्क को छिपाया नहीं गया है.

इस शेयर को लेकर ब्रोकरेज की राय

ब्रोकरेज की बात करें तो Motilal Oswal ने इस स्टॉक पर नजर बनाकर रखने को कहा है. CLSA ने इस शेयर के लिए टार्गेट प्राइस को 230 से घटाकर 200 रुपए कर दिया है. साथ में उसका यह भी कहना है कि रिजर्व बैंक का एक्शन यह दिखाता है कि बैंक समस्या में है. ऐसे में आनेवाला 4-6 महीना महत्वपूर्ण होगा. ICICI Securities ने इस शेयर के टार्गेट प्राइस को 181 से घटाकर 131 रुपए कर दिया है. Investec ने तो इस शेयर में खरीदारी की सलाह दी है. उसका टार्गेट प्राइस 295 रुपए है.

डिपॉजिटर्स को घबराने की जरूरत नहीं

राजीव आहूजा ने कहा कि पिछले 18 महीनों में रिटेल डिपॉजिट का योगदान बढ़ा है. रिटेल डिपॉजिट का योगदान 40 फीसदी से ज्यादा है, जबकि बल्क डिपॉजिट का योगदान 30 फीसदी के करीब है. डिपॉजिट बुक्स में पिछले 18 महीनों में 35 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. ऐसे में डिपॉजिटर्स को घबराने की जरूरत नहीं है.

Aman Yadav

Aman Yadav covers National, International, Business, and Entertainment Sections. he believes that writing a news article is a different form of writing because news articles present information in a specific way. Hence, he tries to convey all the relevant information in a limited word count and give the facts to the audience concisely.

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