RBI ने सभी बैंकों को 1 अक्टूबर 2020 से सभी क्रेडिट और डेबिट कार्डों में सुरक्षा सुविधाओं को लागू करने के लिए अनिवार्य कर दिया है. आदेश के अनुसार, क्रेडिट और डेबिट कार्ड उपयोगकर्ता अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन, ऑनलाइन लेनदेन और संपर्क रहित कार्ड लेनदेन के लिए प्राथमिकताएं दर्ज कर सकते हैं. उपयोगकर्ता किसी भी सुविधा के लिए अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को चालू और बंद कर सकते हैं. ये सुविधाएं ATM, NFC, PoS या ई-कॉमर्स के जरिए लेनदेन की हैं.
RBI का कहना है कि ऐसा करने से बैंक ग्राहक धोखाधड़ी से होने वाले नुकसान, और आपके खर्च, दोनों को सीमित रखता है. आपको बता दें कि इस संबंध में एसबीआई, बीओबी, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक ने कस्टमर को मैसेज भी भेजे हैं. इसमें कहा गया है कि उनके क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर मिलने वाली कुछ सेवाएं एक अक्टूबर से बंद की जा रही हैं. इसमें इंटरनेशनल लेन-देन की सेवाएं भी शामिल है.
केंद्र सरकार ने विदेश पैसे भेजने पर टैक्स वसूलने से जुड़ा नया नियम बना दिया है. ये नियम 1 अक्टूबर 2020 से लागू हो जाएगा. ऐसे में अगर आप विदेश में पढ़ रहे अपने बच्चे के पास पैसे भेजते हैं या किसी रिश्तेदार की आर्थिक मदद करते हैं तो रकम पर 5 फीसदी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स का अतिरिक्त भुगतान करना होगा. फाइनेंस एक्ट, 2020 के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत विदेश पैसे भेजने वाले व्यक्ति को टीसीएस देना होगा.
अब शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट पेमेंट सिस्टम ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा दिसंबर 2020 से चौबीस घंटे उपलब्ध होगी. अभी तक आरटीजीएस के तहत, न्यूनतम 2 लाख रुपये ट्रांसफर किया जा सकता है और यह सुविधा केवल बैंकों के काम के घंटों के दौरान उपलब्ध होती है.