राहुल गांधी का मोदी सरकार पर वार, बोले- ‘वैक्सीनेशन से ही काबू में आएगी महामारी, पर केंद्र सरकार को इसकी परवाह नहीं’

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Rahul Gandhi

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इस बार राहुल गांधी ने कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान में कथित तौर पर कमी आने को लेकर सोमवार को चिंता जताई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को टीकाकरण की कोई परवाह नहीं है।

बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता कोरोना काल में लगातार अव्यवस्थाओं को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। बीते रोज भी उन्होंने गंगा में शवों के बहने को लेकर कहा था कि इसके लिए केवल केंद्र सरकार जिम्मेदार है और यह सामूहिक जिम्मेदारी नहीं है। 

बहरहाल, उन्होंने रोजाना होने वाले टीकाकरण की संख्या में कथित गिरावट का ग्राफ साझा करते हुए सोमावार को एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि टीकाकरण महामारी पर नियंत्रण करने की कुंजी है, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार इसकी परवाह नहीं करती।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दिल्ली समेत कुछ राज्यों में 18 से 44 साल के बीच के आयुवर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण रुक जाने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली और तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र ने टीकों की कमी का हवाला देते हुए 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकरण को निलंबित कर दिया है। फिर भी, केंद्रीय गृह मंत्री या गृह मंत्रालय ने टीकों की किसी भी कमी से इनकार किया है।

पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि खबरों के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि भारत के दर्जनों जिलों में व्यावहारिक रूप से कोई टीकाकरण नहीं है, लेकिन जिलेवार आंकड़े प्रकाशित नहीं होते हैं। सरकार के इनकार और बेरुखी के शिकार वे लोग हैं जो अपने टीकाकरण की बारी का इंतजार कर रहे हैं।
गंगा में शवों के बहने के लिए पूरी तरह केंद्र जिम्मेदार : राहुल
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा था कि गंगा में शवों के बहने के लिए केवल केंद्र सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह सामूहिक जिम्मेदारी नहीं है। जिन लोगों ने नदी के किनारे शवों को छोड़ दिया, उनका दर्द भी समझा जाना चाहिए और यह उनकी गलती नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने ट्वीट कर कहा था कि मैं शवों का फोटो साझा नहीं करना चाहता। इस तरह के फोटो देखकर पूरा देश और दुनिया दुखी है, लेकिन उनका दर्द समझा जाना चाहिए, जो अपने रिश्तेदारों के शव गंगा किनारे छोड़ने के लिए बाध्य हुए। यह उनकी गलती नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह सामूहिक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि केवल केंद्र सरकार की है। बिहार और उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में नदी में कई शव बहते पाए जाने के बाद गांधी का यह बयान आया है। देश में कोविड-19 की स्थिति से निपटने के तौर-तरीकों को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार की आलोचना करती रही है।