सोनिया गांधी ने पूर्व PM जवाहरलाल नेहरू को अर्पित की पुष्पांजलि, राहुल गांधी ने कहा – उन्होंने सत्य, एकता और शांति को दिया महत्व

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कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आज देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की जयंती पर शांतिवन (Shantivan) में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. वहीं, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘हमें जो चाहिए वह है शांति की पीढ़ी-पंडित जवाहरलाल नेहरू. आज देश भारत के पहले प्रधानमंत्री को याद कर रहा है, जिन्होंने सत्य, एकता और शांति को बहुत महत्व दिया.’ जवाहरलाल नेहरू की जन्मतिथि को देशभर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है.

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी. पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा, ‘हर शब्द, हर कृत्य, हर बलिदान के जरिए पंडित नेहरू जी ने सच्चे राष्ट्रवाद की मिसाल पेश की. उन्होंने हमारे देश की एकता के लिए, हमारे देश की विविधता के लिए, हमारे देश की समृद्धि के लिए अटूट समर्पण दिखाया.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी देश के पहले प्रधानमंत्री की 132वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि.’

17 साल तक प्रधानमंत्री के रूप में की देश की सेवा
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (आज प्रयागराज के नाम से जाना जाता है) में मोतीलाल नेहरू (Motilal Nehru) और स्वरूप रानी नेहरू के घर हुआ था. वह देश के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं. उन्होंने 17 साल तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की. उनका कार्यकाल 15 अगस्त, 1947 से शुरू होकर 17 मई, 1964 तक रहा. नेहरू ने द डिस्कवरी ऑफ इंडिया (The Discovery of India) सहित कई प्रसिद्ध पुस्तकों को लिखा. इसके अलावा उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार भाषण भी दिए. इन्हीं में से एक भाषण था, द ट्रिस्ट विद डेस्टिनी (Tryst with Destiny), जिसे उन्होंने भारत के एक संप्रभु राष्ट्र बनने के बाद 15 अगस्त, 1947 को दिया था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए 14 नवंबर को बाल दिवस (Bal Diwas) के रूप में भी मनाया जाता है. उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहा जाता था. बच्चों के प्रति उनके स्नेह के लिए उन्हें अच्छी तरह से पहचाना और सराहा गया. बच्चों के लिए विशेष रूप से स्वदेशी सिनेमा बनाने और मनोरंजन के हर बच्चे के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए, नेहरू ने 1995 में चिल्ड्रन फिल्म सोसाइटी इंडिया (Children’s Film Society India) की स्थापना की.