अनुराग-तापसी के घर आयकर छापे पर वित्त मंत्री ने राहुल को दिया जवाब- 2013 में भी हुई थी कार्रवाई, तब नहीं बना था मुद्दा

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू के आवास और दफ्तरों पर आयकर छापों को लेकर शुक्रवार को कहा, इन लोगों पर 2013 में भी ऐसी ही कार्रवाई हुई थी, मगर तब किसी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया, जैसा अब बनाया जा रहा है। मैं किसी पूर्व मामले का जिक्र नहीं करना चाहतीं, लेकिन जब भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस तरह की कार्रवाई की जाती है, तो उस पर सवाल खड़े किए जाते हैं।

निर्मला ने महिला प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ संवाद में कहा, अगर चोरी हुई है तो इसका पता लगाना राष्ट्र हित में है। सबसे पहले तो बता दूं कि मैं किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं कर रही हूं, लेकिन जैसा कि कुछ लोगों का नाम लिया जा रहा है, तो मैं अवगत करा दूं कि इन लोगों पर साल 2013 में भी ऐसी ही कार्रवाई की गई थी।

हालांकि, निर्मला ने अपने बयान में सात साल पहले की गई ऐसे छापों के नतीजों और बाद की कार्रवाई को लेकर न तो कोई टिप्पणी की और न ही कोई जानकारी दी।

सीतारमण ने सवाल पूछते हुए कहा, क्या यह दोहरा रवैया नहीं है, क्या हमें इस बात की तह तक नहीं जाना चाहिए कि जो हो रहा है, वह सही है या गलत? क्या हमारी सरकार में मारे गए छापों पर सिर्फ सवाल खड़ा करना सही है? गौरतलब है कि आयकर विभाग ने कर चोरी के मामले में अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू घर छापे मारे थे। इस दौरान अनुराग और तापसी से पुणे में पूछताछ भी हुई।

हरियाणा में निजी क्षेत्र में राज्य के लोगों को 75 फीसदी आरक्षण संबंधी कानून पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनों के निशाने पर हैं। निर्मला ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा है कि यह हमारी समझ से परे हैं कि राज्य सरकार द्वारा ऐसा निर्णय क्यों और किस आधार पर लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर साफ कर दिया कि सरकार के सामने धर्म संकट से हालात हैं। कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार के साथ राज्यों को बैठकर चिंतन करना चाहिए, क्योंकि केंद्र को मिलने वाले राजस्व में 41 फीसदी की हिस्सेदारी राज्यों को दी जाती है। पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के सवाल पर निर्मला ने कहा कि यह फैसला जीएसटी परिषद करेगी।