टीका संकट पर विपक्ष का मोदी सरकार पर हमला, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल बोलें- ‘केंद्र अगर वैक्सीन दूसरे मुल्कों में नहीं भेजता तो एक साथ नहीं जलती इतनी चिताएं’

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कोरोना संक्रमण से जंग करने के लिए भारत के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद थे, लेकिन एक गलत रणनीति ने सारा काम बिगाड़ दिया। अमेरिका ने जब वैक्सीन बनाई तो कह दिया कि ये टीका देश से बाहर नहीं जाएगा। पहले अमेरिका के लोगों को वैक्सीन लगेगी। उसके बाद दूसरे देशों की मदद के लिए सोचा जाएगा। भारत ने समय रहते वैक्सीन बना ली, लेकिन मोदी सरकार ने उसे अपने लोगों को लगाने की बजाए दूसरों मुल्कों में भेज दिया। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल यहीं पर नहीं ठहरे, उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, केंद्र सरकार अगर वैक्सीन को दूसरे मुल्कों में नहीं भेजती तो एक साथ इतने लोगों के शवों का दाह संस्कार जैसा ह्रदय विदारक द्रश्य नहीं देखना पड़ता।
गोहिल ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कहा, हमें याद है कि आपने एक बार कहा था कि ‘गुजराती हूं, मेरे खून में है कारोबार’, लेकिन लोगों की जान की कीमत पर कारोबार इस देश की परंपरा और संस्कार नहीं है। लोगों की जान बचाने पर ध्यान दें, न कि अपने छवि निर्माण पर।

कई दिनों से विपक्षी नेता, वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। कभी तो सरकार की तरफ से कहा जाता है कि वैक्सीन पर्याप्त संख्या में है। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। कभी बोला जाता है कि चार सप्ताह बाद दूसरी वैक्सीन लगेगी, तो कुछ दिन बाद कहते हैं कि अब तो छह से आठ सप्ताह का समय लगेगा। ये भी फाइनल नहीं था।

अब सरकार कह रही है कि कोविशील्ड लगवाने वाले को व्यक्ति को दूसरी डोज 12 से 16 सप्ताह में लगवानी चाहिए। लोग असमंजस में हैं कि एक सप्ताह में क्लीनिकल रिसर्च कैसे बदल जाती है। शक्ति सिंह गोहिल ने शुक्रवार को कहा, मोदी सरकार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है। कोरोना वैक्सीन हर सौ की आबादी में डोज देने वाले देशों की प्रतिशत में हमारा देश भारत दुनिया के देशों में 77वें पायदान पर पिछड़ चुका है।  देश की संसद की स्टैंडिंग कमेटी ऑन हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर ने 16 अक्टूबर, 2020 को वैक्सीन को लेकर जो सुझाव दिए थे, भारत सरकार ने उनकी पूर्ण अनदेखी की है।