PM मोदी बोले – ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ संविधान की भावना की सशक्त अभिव्यक्ति’

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PM Modi on Constitution Day

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को संविधान दिवस कार्यक्रम (Constitution Day Event) को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ संविधान की भावना की सशक्त अभिव्यक्ति है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान (Samvidhan Divas) के लिए समर्पित है और विकास में भेदभाव नहीं करती है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सैकड़ों वर्ष की गुलामी ने भारत को अनेक मुसीबतों में झोंक दिया था. किसी युग में सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत गरीबी, भुखमरी, बीमारी से जूझ रहा था. ऐसे में देश को आगे बढ़ाने में संविधान हमेशा हमारी मदद करता रहा है।

संविधान दिवस पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानंत्री ने कहा कि जब देश का सामान्य मानवी, देश का गरीब विकास की मुख्यधारा से जुड़ता है, जब उसे समान मौके मिलते हैं, तो उसकी दुनिया पूरी तरह बदल जाती है. जब रेहड़ी, पटरी वाले भी बैंक क्रेडिट की व्यवस्था से जुड़ता है, तो उसे राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का एहसास होता है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज गरीब से गरीब को भी क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर तक वही एक्सेस मिल रहा है, जो कभी साधन संपन्न लोगों तक सीमित था. आज लद्दाख, अंडमान और नॉर्थ ईस्ट के विकास पर देश का उतना ही फोकस है, जितना दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों पर है.
उन्होंने कहा कि जब तीन तलाक जैसी कुरीति के विरुद्ध कड़ा कानून बनता है तो उन बहन-बेटियों का संविधान पर भरोसा और सशक्त होता है जो हर तरह से नाउम्मीद हो चुकी थी.

पीएम ने कहा कि Gender Equality की बात करें तो अब पुरुषों की तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी के ज्यादा अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. इस वजह से माता मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर कम हो रही है.

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने मां नर्मदा पर सरदार सरोवर डैम जैसे एक डैम का सपना देखा था, पंडित नेहरू ने इसका शिलान्यास किया था. लेकिन ये परियोजना दर्शकों तक अप-प्रचार में फंसी रही. पर्यावरण के नाम पर चले आंदोलन में फंसी रही. न्यायालय तक इसमें निर्णय लेने से हिचकते रहे.

पीएम ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि हमारे देश में भी ऐसी ही मानसिकता के चलते अपने ही देश के विकास में रोड़े अटकाए जाते हैं. कभी freedom of expression के नाम पर तो कभी किसी और चीज़ का सहारा लेकर.

उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायपालिका, दोनों का ही जन्म संविधान की कोख से हुआ है. इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतानें हैं. संविधान की वजह से ही ये दोनों अस्तित्व में आए हैं. इसलिए, व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो अलग-अलग होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरकार और न्यायपालिका, दोनों का ही जन्म संविधान की कोख से हुआ है। इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतानें हैं. संविधान की वजह से ही दोनों अस्तित्व में आए हैं. इसलिए, व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो अलग-अलग होने के बाद भी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.’

शास्त्रों का उद्धरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी समाज या देश की ताकत उसकी एकता और एकजुट प्रयासों में होती है और जो मजबूत राष्ट्र के हितैषी होते हैं, वह एकता की प्रशंसा करते हैं तथा उस पर जोर देते हैं.

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, यही एकता देश की सभी संस्थाओं के प्रयासों में होनी चाहिए. आज जब देश अमृत काल में अपने लिए असाधारण लक्ष्य तय कर रहा है, दशकों पुरानी समस्याओं के समाधान तलाश करते हुए भविष्य के लिए संकल्प ले रहा है, तो यह सबके साथ से ही पूरी होगी.