PM मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का किया उद्घाटन, दिया ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का नारा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजघाट पर राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की घोषणा सबसे पहले 10 अप्रैल 2017 को गांधीजी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी. राजघाट के पास स्थित आरएसके के सभागार में दिल्ली के स्कूली छात्रों से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. देश की आजादी में आज की तारीख यानि 8 अगस्त का बहुत बड़ा योगदान है. क्योंकि आज ही के दिन, 1942 में गांधी जी की अगुवाई में आजादी के लिए एक विराट जनांदोलन शुरू हुआ था, अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा था.

उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है. ये केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है. पूज्य बापू, स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे. वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे. मुझे संतोष है कि स्वच्छता के प्रति बापू के आग्रह को समर्पित एक आधुनिक स्मारक का नाम अब राजघाट के साथ जुड़ गया है.

पीएम ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र, गांधी जी के स्वच्छाग्रह और उसके लिए समर्पित कोटि-कोटि भारतीयों के विराट संकल्प को एक जगह समेटे हुए है. थोड़ी देर पहले जब मैं इस केंद्र के भीतर था, करोड़ों भारतीयों के प्रयासों का संकलन देखकर मैं मन ही मन उन्हें नमन कर उठा. इस केंद्र में सत्याग्रह की प्रेरणा से स्वच्छाग्रह की हमारी यात्रा को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के माध्यम से दर्शाया गया है, दिखाया गया है और मैं ये भी देख रहा था कि स्वच्छता रोबोट तो यहां आए बच्चों के बीच में काफी लोकप्रिय है.

गांधी के विचारों को याद करते हुए पीमए मोदी ने कहा कि आज के विश्व के लिए गांधी जी से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती. गांधी जी के जीवन और उनके दर्शन को अपनाने के लिए पूरी दुनिया आगे आ रही है. बीते वर्ष जब पूरी दुनिया में गांधी जी की 150वीं जन्मजयंति को भव्य रूप से मनाया गया, वो अभूतपूर्व था. गांधी जी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता देशकाल और परिस्थिति से परे है. इसकी एक बड़ी वजह है, सामान्य माध्यमों से अभूतपूर्व परिवर्तन लाने की उनकी क्षमता.