पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों के साथ संवाद किया है और इस दौरान उनके जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की. पीएम ने कहा कि जब दूसरों की आकांक्षाएं, अपनी आकांक्षाएं बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है. आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘आज आकांक्षी जिले, देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं. आप सबके प्रयासों से, आकांक्षी जिले, आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जीवन में लोग अपनी आकांक्षाओं के लिए दिन रात परिश्रम करते हैं और कुछ मात्रा में उन्हें पूरा भी करते हैं. आकांक्षी जिले में देश को जो सफलता मिल रही है, उसका एक बड़ा कारण है अभिसरण. सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है, अधिकारी वही हैं लेकिन परिणाम अलग है, लेकिन जब दूंसरो की आकांक्षाएं अपनी बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्यपथ इतिहास रचता है.’
पीएम ने कहा, ‘एक तरफ बजट बढ़ता रहा, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए. समय के साथ इन जिलों के साथ पिछड़े जिलों का टैग लगा दिया गया. जो जिले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे, आज कई पैमानों में ये आकांक्षी जिले भी अच्छा काम करके दिखा रहे हैं. मुख्यमंत्रीगण भी मानते हैं कि उनके राज्यों में आकांक्षी जिलों ने कमाल का काम किया है.’
उन्होंने कहा, ‘आकांक्षी जिले में देश को जो सफलता मिल रही है, उसका एक बड़ा कारण कन्वर्जेंस है. सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है, अधिकारी वही हैं लेकिन परिणाम अलग हैं. पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है. लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है, बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है.
पीएम ने कहा, ‘हमने अभी तक जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसके आगे हमें एक लंबी दूरी तय करनी है और बड़े स्तर पर काम करना है. डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक साइलेंट रिवॉल्यूशन का साक्षी बन रहा है. हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए. डिजिटल इनफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है.’
उन्होंने कहा कि सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों ने ऐसे 142 जिलों की एक लिस्ट तैयार की है. जिन एक-दो पैरामीटर्स पर ये अलग-अलग 142 जिले पीछे हैं, अब वहां पर भी हमें उसी कलेक्टिव अप्रोच के साथ काम करना है, जैसे हम आकांक्षी जिले में करते हैं. ये सभी सरकारों के लिए, भारत सरकार, राज्य सरकार, जिला प्रशासन, जो सरकारी मशीनरी है, उसके लिए एक नया चैलेंज है. इस चैलेंज को अब हमें मिलकर पूरा करना है.
पीएम मोदी ने यहां सिविल सर्विसेस से जुड़े साथियों से कहा, ‘मैं एक और बात याद करने को कहूंगा. आप वो दिन जरूर याद करें जब आपका इस सर्विस में पहला दिन था. आप देश के लिए कितना कुछ करना चाहते थे, कितना जोश से भरे हुए थे, कितने सेवा भाव से भरे हुए थे. आज उसी जज्बे के साथ आपको फिर आगे बढ़ना है.
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