अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत: PM मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक, कहा- जमाखोरी पर सख्ती से निपटें राज्य

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देश में ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राज्य सरकारों को ऑक्सीजन की जमाखोरी के खिलाफ सख्ती से कदम उठाना चाहिए। बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन की कमी पर उच्च स्तरीय बैठक की थी। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर वर्तमान हालातों के बारे में अवगत ?कराया। बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों से ऑक्सीजन के अधिक उत्पादन और समय पर आपूर्ति को लेकर योजनाओं के बारे में भी पूछा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश में ऑक्सीजन उत्पादन को ब?ाने के साथ बिना समय गंवाए सप्लाई चेन मजबूत करना होगा। अधिकारियों ने पीएम को बताया कि किस तरह पिछले कुछ सप्ताह में ऑक्सीजन की सप्लाई में तेजी आई है।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ऑक्सीजन की सप्लाई में ब?ोतरी की गई है। अभी 20 राज्यों में 6785 मीट्रिक टन प्रतिदिन  ऑक्सीजन की मांग है लेकिन बीते बुधवार को ही सरकार ने 6822 मीट्रिक टन की आपूर्ति की है। लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता पिछले कुछ दिनों में 3300 मीट्रिक टन प्रतिदिन ब? गई है। इस दौरान पीएम ने निर्देश दिए हैं कि गैर जरूरी उद्योगों में ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद कर इसे चिकित्सीय क्षेत्र के लिए उपलब्ध कराया जाए। अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ऑक्सीजन टैंकर्स की सप्लाई में मदद कर रहा है। 105 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की पहली खेप मुंबई से दक्षिण में विजाग भेजा है। इसी तरह हवाईजहाज से खाली टैंक को वापस मंगाया जा रहा है। इसके अलावा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए राज्यों से समन्वय स्थापित किया है। बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव के अलावे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मार्ग मंत्रालय, मेडिकल क्षेत्र से और नीति आयोग के अधिकारी शामिल थे।

बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों को जल्द ऑक्सजीन पहुंचना सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस दौरान पीएम ने अधिकारियों को तीन सुझाव भी दिए हैं। पीएम ने कहा कि पूरे देश में ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाना होगा। गैर जरूरी उद्योगों को बंद कर वहां की ऑक्सीजन को अस्पतालों में भेजा जाए। साथ ही राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर कार्य करें। इसके अलावा पीएम ने कहा कि एक से दूसरे राज्य या फिर अस्पताल तक समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए एक रोडमैप बनाया जाए। वहीं राज्यों को इनोवेटिव तरीके भी तलाशने चाहिए जिनके जरिए वह कुछ हद तक ऑक्सीजन की कमी से निपट सकें। इससे समय की भी बचत होगी।