संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से पीएम मोदी ने आतंकवाद, भारत के लोकतंत्र सहित कई मुद्दों पर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। अपने 22 मिनट 5 सेंकड के भाषण में उन्होंने अफगानिस्तान और कोरोना पर अपनी बात रखी। पीएम ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि रिग्रेसिव थिंकिंग के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। हमें सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान की जनता, वहां की महिलाओं, बच्चों और मॉइनॉरिटीज को हमारी मदद की जरूरत है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।

प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरुआत में कहा, “अब्दुल्ला शाहिद जी (मालदीव के विदेश मंत्री) को अध्यक्ष बनने की बधाई। आपका अध्यक्ष बनना सभी विकासशील देशों के लिए खासकर छोटे विकासशील देशों के लिए गर्व की बात है। गत 1.5 साल से पूरा विश्व सौ साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहा है। ऐसी भयंकर महामारी में जीवन गंवाने वालों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं और परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। 

‘चाय बेचने वाला आज चौथी बार यूएनजीए को संबोधित कर रहा, ये भारत के लोकतंत्र की ताकत’
मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हमारी हजारों वर्षों पुरानी परंपरा। इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया। हमारी विविधता, हमारे सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। एक ऐसा देश जिसमें दर्जनों भाषाएं हैं। सैकड़ों बोलियां है, अलग-अलग रहन-सहन और खानपान हैं। यह वाइब्रेंट डेमोक्रेसी का बेहतरीन उदाहरण है। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन के टी-स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था। वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है।

पीएम ने कहा, “सबसे लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री और फिर पिछले सात सालों से भारत के प्रधानमंत्री की तौर पर। मुझे भारत के लोगों की सेवा करते हुए 20 साल हो गए। मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवर, यस डेमोक्रेसी हैज डिलीवर्ड।” 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद किया. दुनिया को अंत्योदय का मतलब समझाया
एकात्म मानवदर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज जन्मजयंती है। एकात्म मानवदर्शन यानी इंटीग्रल ह्यूनिज्म अर्थात स्व से समस्त तक विकास और विस्तार की सफल यात्रा। एक्सपैंशन ऑफ द सेल्फ, मूविंग फ्रॉम इंडिविजुअल टू सोसाइटी, टू द नेशन एंड एंटायर ह्यूमैनिटी। ये चिंतन अंत्योदय को समर्पित है। अंत्योदय की आज की परिभाषा में वेन नो वन इस लेफ्ट बिहाइंड यानी कोई पीछे न छूटे कहा जाता है। 

पीएम ने गिनाईं उपलब्धियां, बोले- ‘भारत में तीन करोड़ बेघरों को घर का मालिक बनाया’
भारत आज इक्विटेबल डेवलपमेंट की राह पर बढ़ रहा है। विकास सर्व समावेशी हो, सर्व स्पर्शी हो, सर्व व्यापी हो, सर्व पोषक हो, यही हमारी प्राथमकिता है। बीते सात वर्षों में भारत में 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है, अब तक जो इससे वंचित थे। आज 36 करोड़ ऐसे लोगों को बीमा सुरक्षा कवच मिला है, जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे। 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देकर भारत ने उन्हें क्वालिटी हेल्थ सर्विस से जोड़ा है। भारत ने 3 करोड़ घर बनाकर बेघर परिवारों को होम ओनर्स बनाया है। 

‘भारत में ड्रोन से मैपिंग करा के करोड़ों लोगों को डिजिटल रिकॉर्ड देने की कोशिश’
“प्रदूषित पानी भारत ही नहीं पूरी दुनिया और खासकर गरीब और विकासशील देशों के लिए बड़ी समस्या है। भारत में इस समस्या से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों में पाइप से साफ पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया की बड़ी संस्थाओं ने माना है कि किसी भी देश के विकास के लिए वहां के नागरिकों के पास जमीन और घर के प्रॉपर्टी राइट्स यानी ओनरशिप का रिकॉर्ड होना बहुत जरूरी है। बड़े-बड़े देशों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके पास जमीनों और घरों के प्रॉपर्टी राइट्स नहीं हैं। आज हम भारत के छह लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन से मैपिंग करा कर करोड़ों लोगों को उनके घर और जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड देने में जुटे हैं। ये डिजिटिल रिकॉर्ड लोगों के प्रॉपर्टी विवाद खत्म करने के काम आएगा। साथ ही एक्सेस टू क्रेडिट बैंक लोन तक लोगों की पहुंच बढ़ा रहा है।”

दुनियाभर के वैक्सीन उत्पादकों को निमंत्रण- ‘कम, मेक इन इंडिया!’
मोदी ने कहा कि भारत का वैक्सीन डिलीवरी प्लेटफॉर्म कोविन करोड़ो लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए डिजिटल सपोर्ट दे रहा है। सेवा परमो धर्मः के कथन पर जीने वाला भारत सीमित संसाधनों के बावजूद वैक्सीन डेवलपमेंट और उत्पादन में जी जान से जुटा है। मैं यूएन को बताना चाहता हूं कि भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसे 12 साल  से ज्यादा के लोगों को लगाया जा सकता है। भारत के वैज्ञानिक एक आरएनए वैक्सीन बनाने में भी जुटे हैं। वैज्ञानिक एक नैसल वैक्सीन भी बना रहे हैं। भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनिया भर के वैक्सीन उत्पादकों को भी आमंत्रित करता हूं। कम मेक वैक्सीन इन इंडिया। 

‘भारत ने इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों में संतुलन स्थापित किया है’
पीएम ने आगे कहा, “हम जानते हैं कि मानव जीवन में तकनीका का कितना महत्व है, लेकिन बदलते विश्व में टेक्नोलॉजी विद डेमोक्रेटिक वैल्यू, यह भी सुनिश्चित करना अहम है। आज भारतीय मूल के डॉक्टर, इजीनियर, इनोवेटर्स, मैनेजर्स किसी भी देश में रहें, हमारे मूल्य उन्हें मानवता की मदद की प्रेरणा देते रहे हैं। यह हमने इस कोरोना काल में भी देखा है। कोरोना महामारी ने विश्व को संदेश दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक डायवर्सिफाइ किया जाए। इसके लिए ग्लोबल वैल्यू चेन्स का विस्तार आवश्यक है। हमारा आत्मनिर्भर भारत अभियान इसी भावना से प्रेरित है। ग्लोबल इंडस्ट्रियल डायवर्सिफिकेशन के लिए भारत विश्व का एक लोकतांत्रिक और भरोसेमंद पार्टनर बन रहा है। इस अभियान में भारत ने इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों में संतुलन स्थापित किया है।”

जलवायु परिवर्तन पर बोले मोदी- ‘हमें आने वाली पीढ़ियों को जवाब देना होगा’ 
“क्लाइमेट एक्शन में भारत के प्रयासों को देखकर आप सबको निश्चित तौर पर गर्व होगा। आज भारत तेजी के साथ 450 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी पैदा करने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। हम भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में भी जुटे हैं। हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी जवाब देना है कि जब फैसले लेने का समय था, तब जिन पर विश्व को दिशा देने का दायित्व था, वो क्या कर रहे थे। आज विश्व के सामने रिग्रेसिव थिंकिंग और एस्ट्रीब्यूशन का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में पूरे विश्व को साइंस विद रेशनल और प्रोग्रेसिव थिंकिंग को विकास का आधार बनाना होगा। साइंस बेस्ड अप्रोच को मजबूत करने के लिए भारत अनुभव आधारित लर्निंग को बढ़ावा दे रहा है। हमारे स्कूलों में हजारों अटल टिंकरिंग लैब खोली गई हैं। इन्क्यूबेटर्स बने हैं और एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम बना है। अपनी आजादी के 75 वर्ष में, जब हम आजादी का अमृत वर्ष मना रहे हैं, भारत 75 ऐसे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने वाला है, जिसे स्कूल के छात्र बना रहे हैं।” 

समुद्र के बहाने चीन पर निशाना, कहा- हमें इन्हें विस्तारवाद से बचाना होगा
पीएम ने कहा, “हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं। इसलिए हमें यह ध्यान रखना होगा कि महासागर के संसाधनों को हम इस्तेमाल करें, अब्यूज (गलत इस्तेमाल( नहीं। हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं। हमें इन्हें एक्सपैंशन और एक्सक्लूजन से बचाकर रखना होगा। वर्ल्ड बेस्ड ऑर्डर को स्थापित करने के लिए विश्व को एक सुर में आवाज उठानी ही होगी। सुरक्षा परिषद में भारत की प्रेजिडेंसी के दौरान बनी वैश्विक सहमति विश्व को मैरीटाइम सिक्योरिटी के विषय में आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती है।”

‘यूएन पर उठे सवाल अफगानिस्तान संकट के बाद और गहरे हुए’
“भारत के महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले कहा था कि जब सही समय पर सही काम नहीं किया जाता, तो समय ही उस सही कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है। यूएन को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है को उसे अपनी प्रभावशीलता को सुधारना होगा और भरोसे को बनाए रखना होगा। यूएन पर आज काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। इन सवालों को हमने जलवायु संकट और कोविड क्राइसिस के दौरान देखा है। दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे छद्म युद्ध, आतंकवाद और अफगानिस्तान के संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है।” 

वैश्विक संस्थाओं की छवि को नुकसान
कोरोनावायरस के ओरिजिन के संदर्भ में और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की रैंकिंग को लेकर वैश्विक गवर्नेंस से जुड़ी संस्थाओं ने दशकों के परिश्रम से बनी अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है। यह आवश्यक है कि हम यूएन को ग्लोबल ऑर्डर, ग्लोबल लॉ और ग्लोबल वैल्यू के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें। 

अंत में पीएम ने नोबल पुरस्कार विजेता रबिंद्रनाथ टैगोर की बात के साथ अपने भाषण को खत्म किया। उन्होंने कहा, “सब दुर्बल अपने शुभ पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ें, तो सभी दुर्बलताएं और शंकाएं समाप्त हो जाएंगी। यह संदेश यूएन के लिए जितना प्रासंगिक है, उतना ही हर जिम्मेदार देश के लिए भी प्रासंगिक है। हमारा साझा प्रयास विश्व में शांति बढ़ाएगा। विश्व को स्वस्थ और समृद्ध बनाएगा।”

अपने संबोधन के बाद पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में भारतीय लोगों से मुलाकात की। इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। पीएम मोदी ने भी लोगों से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया।
 
अमेरिका से लौटते वक्त मोदी का ट्वीट- भारत-अमेरिका के रिश्ते और मजबूत होंगे
प्रधानमंत्री ने यूएन में संबोधन के बाद एक ट्वीट में कहा, “पिछले कुछ दिनों में हुई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें, अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात और यूएन में संबोधन जैसे कई परिणाम देने वाले कार्यक्रम हुए। मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते आने वाले सालों में और ज्यादा मजबूत होंगे। हमारे बीच व्यक्ति से व्यक्ति के संपन्न रिश्ते हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं।”

Khushi Sonker

Khushi Sonker covers National, International, and Corona News Sections. She believes that writing a news article is a different form of writing because news articles present information in a specific way. Hence, she tries to convey all the relevant information in a limited word count and give the facts to the audience concisely.

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