प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न सिर्फ भारत के उत्पाद, बल्कि भारत की आवाज भी ग्लोबल हो रही है। आज दुनिया भारत को ज्यादा ध्यान से सुनती है। ऐसे में जब हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मजबूत स्थिति है, हमारी मीडिया को भी ग्लोबल होने की जरूरत है। पीएम ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, हमारे अखबार और मैगजीन की वैश्विक प्रतिष्ठा होनी चाहिए। इस डिजिटल युग में हमें डिजिटल रूप से दुनिया के हर हिस्से में पहुंचना चाहिए। भारतीय संस्थानों को भी साहित्य अवार्ड देने चाहिए, जैसे दुनिया के अन्य हिस्सों में दिए जाते हैं। यह समय की जरूरत और देश के लिए आवश्यक है।
पीएम ने कोरोना महामारी को लेकर जागरूकता फैलाने और सरकारी कार्यों का विश्लेषण कर उनकी कमियों को इंगित करने के लिए मीडिया की सराहना की और इसे अभूतपूर्व सेवा बताया। पीएम ने कहा, सरकार की योजनाओं में जमीनी स्तर पर जो कमियां हैं, उन्हें बताना और उनकी आलोचना स्वाभाविक है। सोशल मीडिया के इस युग में कई बार मीडिया की भी आलोचना होती है, लेकिन हर किसी को आलोचना से सीखना चाहिए। यही देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। चाहे हमारी सरकार का शौचालय बनाने का अभियान हो या स्वच्छ भारत मिशन हो या उज्ज्वला योजना हो या हर घर को पाइप से पानी की आपूर्ति करने का प्रोजेक्ट हो, मीडिया ने जागरूकता फैलाने का काम किया है। पीएम ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘लोकल फॉर वोकल’ संकल्प को एक बड़े अभियान की शक्ल देने और उसे व्यापक करने की जरूरत पर भी बल दिया