चीन के सरकारी बैंक ने ICICI बैंक में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया

390

देश में चीनी माल के बहिष्कार और चीन विरोधी माहौल के बीच खबर यह है कि चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने ICICI में हिस्सेदारी खरीदी है. हालांकि जानकार कहते हैं कि इससे देशहित के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है.

पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था. तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था. पीपल्स बैंक ऑफ चाइना म्यूचुअल फंडों, बीमा कंपनियों सहित उन 357 संस्थागत निवेशकों में शामिल है जिन्होंने हाल में ICICI बैंक के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) ऑफर में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. ICICI बैंक ने पूंजी जुटाने के लिए संस्थागत निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए कोशिश की थी और पिछले हफ्ते ही उसका टारगेट पूरा हुआ है.

चीन के केंद्रीय बैंक ने ICICI में महज 15 हज़ार करोड़ रुपये का निवेश किया है और यह निवेश क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट के जरिए हुआ है. अन्य विदेशी निवेशकों में सिंगापुर की सरकार, मॉर्गन इनवेस्टमेंट, सोसाइटे जनराले आदि शामिल हैं.

एक्सपर्ट कहते हैं कि बैंकिंग भारत में काफी रेगुलेटेड यानी रिजर्व बैंक की सख्त निगरानी में रहने वाला कारोबार है, इसलिए इससे देशहित को कोई खतरा नहीं हो सकता. इसके पहले चीन के इस केंद्रीय बैंक के हाउसिंग लोन कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड में निवेश पर पिछले साल काफी हंगामा हुआ था.

चीन का केंद्रीय बैंक अब अमेरिका की जगह भारत जैसे दूसरे देशों में निवेश बढ़ा रहा है. पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था. तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था. इसके बाद सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के नियम में और सख्ती भी कर दी थी. खासकर चीन या अन्य पड़ोसी देशों से आने वाले निवेश के लिए सख्त नियम बना दिए गये. हालांकि बाद में चीनी बैंक ने एचडीएफसी में अपना निवेश 1 फीसदी से कम कर लिया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here