उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण नीति की घोषणा सोमवार शाम तक हो सकती है. पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह, विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह और निदेशक किंजल सिंह शाम 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. माना जा रहा है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. बता दें कि इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक प्रदेश में 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव पूरे करने हैं.
गौरतलब है कि इस बार परिसीमन के बाद नए नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों की स्थिति बदल गई है. यही वजह है कि दावेदार बेसब्री से आरक्षण नीति का इंतजार कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, इस बार रोटेशन प्रणाली के आधार पर आरक्षण लागू किया जा सकता है. अगर 8 फरवरी को आरक्षण नीति की घोषणा हो जाती है तो राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का भी ऐलान जल्द कर देगा. आरक्षण नीति आने के बाद आयोग को चुनाव करवाने में 45 दिन का समय लगेगा.
उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत चुनाव में इस बार 2016 के मुकाबले 880 ग्राम पंचायतें कम हो जाएंगी. ऐसा नए परिसीमन के कारण होगा. चुनाव कराने में हो रही देरी की वजह साफ करते हुए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी थी. 4 फरवरी को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 30 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों का प्रत्यक्ष चुनाव कराने को मंजूरी दे दी थी.
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