पाकिस्तान की राजनीति और सरकार में सेना के दखल को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। इमरान ने कहा, पाकिस्तान की राजनीति, सरकार और विदेश नीति बनाने में सेना का कोई दबाव नहीं है।
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति पाकिस्तान तहरीक ए-इंसाफ पार्टी के घोषणापत्र के ईद-गिर्द है। उन्होंने कहा, सेना ने मुझे ऐसा कुछ भी करने के लिए विवश नहीं किया जो मैं नहीं करना चाहता हूं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अगर सेना मुझपर दबाव डालती तो मैं उसका विरोध करता है।
आज जो भी विदेश नीति लागू है कि पार्टी के घोषणापत्र के अनुरूप है। इसमें पाकिस्तानी सेना का कोई हाथ नहीं है। हमारे ऊपर मुस्लिम देशों के खिलाफ खड़े होने का दबाव था, लेकिन हमने स्पष्ट कह दिया कि हम सामान्य रहेंगे और मुस्लिम देशों को एकजुट करने की दिशा में काम करेंगे।
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले इमरान खान के खिलाफ चार रैलियां हो चुकी हैं। विपक्ष का आरोप है कि पाकिस्तान की राजनीति और विदेश नीति में सेना का दखल बढ़ रहा है। विपक्ष की कहना है कि इमरान सरकार के जाना जरूरी है। आरोप है कि वर्ष 2018 में इमरान इलेक्टेड नहीं देश के सेलेक्टेड प्रधानमंत्री जिसमें पाकिस्तानी सेना की अहम भूमिका था। सेलेक्टेड पीएम पर इमरान का कहना है कि ये आलोचना समझ से परे है।
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