कोरोना महामारी में सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. सरकार ने चौथे राह पैकेज में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की है. कर्मचारियों और रोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है. सरकार ने बताया कि इस स्कीम को 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा और यह योजना 30 जून 2021 तक रहेगी. आइए आपको इस योजना के बारे में डिटेल में बताते हैं किन लोगों को इसका फायदा मिलेगा
इस योजना का मकसद नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है. इसके तहत जो कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो पहले से EPFO में कवर नहीं थें उन्हें इसका फायदा मिलेगा. मंथली 15,000 रुपए से कम सैलरी वालों या 1 मार्च 2020 से लेकर 31 सितंबर 2020 के बीच नौकरी गंवाने वाले लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
इस योजना के तहत उन लोगों को EPFO से जोड़ा जाएगा जो कि अभी तक इसमें रजिस्टर्ड नहीं थे. इस योजना के तहत ईपीएफओ से जुड़े कर्मचारियों को भविष्य निधि फंड में दो साल तक पूरा 24 फीसदी हिस्सा सरकार देगी.
सरकार अगले दो साल तक सब्सिडी देगी. जिस संस्था में 1000 तक कर्मचारी हैं, उसमें 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता हिस्सा केंद्र देगी. 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी देगा. 65 फीसदी संस्थाएं इसमें कवर हो जाएंगी.
आपको यहां बता दें कि सामान्य नौकरीपेशा लोगों को पीएफ फंड में खुद 12 फीसदी का कंट्रीब्यूशन करना होता है. वहीं, बाकि के 12 फीसदी का सहयोग वो कंपनी देती है, जिसमें आप नौकरी कर रहे होते हैं. कहने का मतलब ये है कि सरकार की नई योजना में जो लोग EPFO से जुड़ेंगे उन्हें दो साल तक अपने पीएफ को लेकर कोई चिंता नहीं करनी होगी. ये पैसे सरकार खुद आपके पीएफ अकाउंट में डाल देगी.
आपको बता दें इस योजना का फायदा सिर्फ उन लोगों को मिलेगा, जिनकी कोरोना काल (1 मार्च से 30 सितंबर) के बीच नौकरी चली गई है और 1 अक्टूबर या उसके बाद रोजगार मिला होगा.
इसके लिए आधार का यूएएन नंबर से लिंक होना अनिवार्य है. इस योजना में कुछ शर्तें कंपनी के लिए भी है. सरकार कुल 24 फीसदी पीएफ कंट्रीब्यूशन वहां करेगी जिस कंपनी में 1 हजार कर्मचारी हैं. एक हजार से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी में सरकार सिर्फ 12 फीसदी कर्मचारी का हिस्सा कंट्रीब्यूट करेगी.